ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड पुलिस के हाथ अब पुख्ता सबूत आ गए हैं। सोमवार को मृतक ठेकेदार रामाशंकर सिंह के कमरे से उनके पुत्र राणा सिंह को एक डायरी मिली है। इसमें ठेकेदार ने कब किस इंजीनियर को घूस के रूप में कितना रुपया दिया है, वह तारीख के साथ दर्ज है। मृतक ठेकेदार के पुत्र ने इस डायरी को पुलिस को सौंप दिया। जिससे ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को बिखरी कड़ी जोड़ने यह डायरी अहम सबूत साबित हो सकती है। डायरी पुलिस के हाथ लगने से इस हत्याकांड के मुख्य आरोपित मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
शहर के राजेंद्र नगर निवासी ठेकेदार रामाशंकर सिंह की 29 अगस्त को शहर के गंडक कॉलोनी स्थित गंडक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता
मुरलीधर सिंह के आवास पर जलाकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मृतक के पुत्र राणा प्रताप सिंह ने मुख्य अभियंता मुरलीधर, इनकी पत्नी तथा अभियंता जितेंद्र कुमार सिंह व सत्येंद्र कुमार को नामजद करते हुए चार- पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। ठेकेदार को जलाने के बाद से ही सभी आरोपित फरार चल रहे हैं। इस बीच सोमवार को इस हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को मृतक के पुत्र ने हिसाब किताब लिखी डायरी को पुलिस को सौंपा। मृतक के पुत्र राणा प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह,, अधीक्षण अभियंता जितेंद्र कुमार सिंह व कार्यपालक अभियंता सत्येंद्र कुमार भवन का कार्य प्रारंभ होने के साथ ही मेरे पिता रामाशंकर सिंह से रुपये की डिमांड करने लगे थे। रुपये की डिमांड होने के बाद मेरे पिता मुख्य अभियंता से लेकर लेकर जूनियर तक सभी को हमेशा कुछ न कुछ दिया था। उनके कमरे में मिली डायरी में इसका पूरा हिसाब किताब लिखा हुआ है। डायरी में किसे कितना और किस तारीख को मेरे पिता ने रुपया दिया था, वह दर्ज है। मेरे पिता से हर सप्ताह किसी न किसी इंजीनियर द्वारा 50 हजार से एक लाख रुपये तक की डिमांड किया जाता था। ये सभी रुपये से कमीशन के तौर पर अभियंताओं को दिए गए थे। डायरी मिलने के बाद अब पुलिस इस हत्याकांड की बिखरी कड़ियों को जोड़ने में जुट गई है। क्या लिखा है डायरी में
इस डायरी के एक पन्ने में कुछ रुपये का हिसाब लिखा हुआ है। इसमें मुख्य अभियंता से लेकर अन्य अभियंताओं को कमीशन की राशि का तारीख के साथ जिक्र किया गया है। डायरी में दर्ज हिसाब किताब के अनुसार मुख्य अभियंता को 22 सितंबर 2018 को 01 लाख, 08 फरवरी 2019 को 60 हजार, 14 फरवरी 2019 को 50 हजार और दो अप्रैल 2019 को 90 हजार रुपया कुल 03 लाख रुपया दिया गया है। इसके अलावा कार्यपालक अभियंता को अलग-अलग तारीख में 2 लाख 50 हजार, अधीक्षण अभियंता को 90 हजार, कैशियर को 60 हजार, जेई को 50 हजार तथा एसडीइ को 40 हजार रुपया देने का जिक्र है। इस डायरी से यह तो साफ हो गया कि इस विभाग का पूरा सिस्टम पैसे व कमीशन पर ही टिका हुआ है।
बीते 29 अगस्त को गोपालगंज के प्रतिष्ठित ठेकेदार रामाशंकर सिंह की जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर के सरकारी आवास पर जलने से संदेहास्पद मौत हो गई थी। इस मौत के बाद मृतक के बेटे राणा प्रताप सिंह ने चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह, उनकी पत्नी कामनी सिंह, अधीक्षण अभियंता तथा कार्यपालक अभियंता के ऊपर जिन्दा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा अन्य चार अज्ञात लोगों को भी इस मामले में आरोपित बनाया गया है। फिलहाल घटना के बाद से भी आरोपित फरार है। जिनकी गिरफ्तारी घटना के पांच दिनों के बाद तक पुलिस नही कर सकीं।
मीडिया की मदद से पुत्र ने मुख्यमंत्री से की हत्यारो की गिरफ्तारी की मांग:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड में मीडिया से बात करते हुए ठेकेदार के पुत्र राणा प्रताप सिंह ने कहा कि मैं आप लोगों के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह मांग करता हूं कि मेरे पिता की हत्या में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी शीघ्र करने के साथ साथ उन्हें सजा दिलाने में सरकार हमारी मदद करें। साथ ही मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता के रिश्तेदारों की पहुंच होने का जिक्र भी ठेकेदार के पुत्र के द्वारा किया गया। फिलहाल पुलिस इस हत्याकांड में कुछ भी बताने से बच रही है।
पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नही दिख रहा मृतक ठेकेदार का परिजन:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड में पांच दिन बीत जाने के बाद भी किसी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण मृतक ठेकेदार के परिजन पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे। ठेकेदार के पुत्र राणा प्रताप सिंह ने बताया कि घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस इस मामले में चार नामजद व चार अज्ञात आरोपियों में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नही कर सकीं है। ऐसे में पुलिस के द्वारा क्या जांच किया जा रहा है। यह मेरे समझ से परे हो रहा है। पुलिस के वरीय अधिकारी बार बार जल्द ही कार्रवाई का भरोसा तो दे रहे है। लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति पहले की तरह की बनी हुई है।
ठेकेदार की याद में शोक सभा आयोजित:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह के निधन पर जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग परिसर में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा के दौरान मृतक ठेकेदार की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का शोकसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान पूर्व जिप अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि ठेकेदार रामाशंकर सिंह के परिजनों को अगर न्याय नही मिला तो जागो मंच के माध्यम से आंदोलन का रास्ता अपनाने का कार्य किया जाएगा। ठेकेदार से घूस मांगा जाता है नहीं मिलने पर जान से मार दिया जाता है। उसके बाद भी पुलिस अपनी कार्रवाई करने में पांच दिन लगा दी। किसी आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो सका। इस शोक सभा में ठेकेदार मिकू सिंह, पंकज सिंह राणा, छात्र नेता प्रिस कुवंर, अनुज सिंह, प्रवीण कुमार, प्रदीप कुमार चौहान सहित कई सदस्य मौजूद थे।