लश्कर-ए-तैयबा के लिए टेरर फंडिंग के मामले में एटीएस के हत्थे चढ़े मुकेश प्रसाद का नेटवर्क खंगालने में सुरक्षा एजेंसियां जुट गयी हैं. गोपालगंज में लश्कर के आतंकी शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी के बाद यहां के मजबूत मॉड्यूल स्लीपर सेल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां गंभीरता से जांच-पड़ताल में जुटी हैं. इसके तहत सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी सोमवार को मांझा थाना क्षेत्र के आलापुर स्थित मुकेश के गांव पहुंचे और पूछताछ की. खुफिया विभाग के अधिकारियों ने मुकेश के परिजनों एवं उनके गांव के लोगों से जानकारी हासिल की है. आलापुर में मुकेश की पत्नी गुड्डी देवी और उसकी बहन रीना देवी से भी पूछताछ की गयी है.
इस दौरान परिजनों से मुकेश के शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी मांगे गये, जिन्हें अन्य दस्तावेजों के साथ अधिकारी अपने साथ ले गये. हालांकि इस दौरान मुकेश के पिता मौके पर नहीं मिले. मालूम हो कि मांझा थाना क्षेत्र के आलापुर के रहने वाले शिक्षक जलेश्वर प्रसाद के पुत्र मुकेश कुमार को यूपी एटीएस ने टेरर फंडिंग मामले में संलिप्त पाते हुए गोरखपुर के बिछिया मुहल्ले से रविवार को गिरफ्तार किया था. मुकेश की गिरफ्तारी के बाद गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन कोई भी उसके बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने में परहेज कर रहा, जबकि उसकी पत्नी और बहन का मानना है कि उसके भाई को फंसा दिया गया है. वह डेढ़ लाख रुपये कर्ज लेकर पेप्सी मशीन खरीदने
के लिए घर से गया था, ताकि रोजगार कर सके. वहीं पिता को यकीन नहीं हो रहा कि उसका बेटा टेरर फंडिंग के नेटवर्क में शामिल है. उधर, यूपी एटीएस की कार्रवाई के बाद स्थानीय पुलिस भी इनके नेटवर्क पर नजर रख रही है. इससे पहले भी इस गांव के दो युवकों को बिहार की एटीएस ने 18 सितंबर, 2015 को पाकिस्तान से हवाला के जरिये कैश मंगाने के मामले में रमेश कुमार शर्मा उर्फ राजू तथा पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया था.
परिजनों और क्षेत्रीय ग्रामीणों से की पूछताछ
शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं अन्य कागजात ले गयी टीम
पत्नी और बहन ने कहा, मुकेश को फंसा दिया गया है
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