दहशत का पर्याय बना चमकी बुखार ने सिधवलिया के बाद अब कुचायकोट प्रखंड में दस्तक दे दी है। चमकी बुखार से सिधवलिया प्रखंड के एक बच्ची की मौत होने के बाद चमकी बुखार के मिलते जुलते लक्षण वाले बुखार से कुचायकोट प्रखंड के कुचायकोट गांव मस्जिद टोला निवासी एक नौ वर्षीय बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस बीमारी से पीड़ित छह माह की एक बच्ची अभी भी जीवन और मौत से जूझ रही है। इस बच्ची का इलाज एक अस्पताल में चल रहा है। चमकी बीमारी से एक बच्ची की मौत और एक अन्य बच्ची के चपेट में आने के बाद पूरे प्रखंड में दहशत का माहौल है।
बताया जाता है कि कुचायकोट गांव के मस्जिद टोला निवासी शंभू शाह की पुत्री नौ वर्षीय सृजन कुमारी तथा भोला साह की छह माह की पुत्री दीपाली कुमारी चार दिन पूर्व बुखार की चपेट में आ गई। दोनों बच्चियों के देह में ऐंठन, तेज बुखार और दर्द के साथ वह सारे लक्षण दिखे जो चमकी बुखार के लिए बताए जा रहे हैं। परिजन दोनों बच्चियों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट ले गए। जहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चियों की हालत गंभीर देख उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल में भर्ती होने के एक दिन बाद चिकित्सकों ने दोनों बच्चियों को गोरखपुर रेफर कर दिया। परिजनों ने दोनों बच्चियों को गोरखपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया । इलाज के दौरान की गुरुवार की देर रात शंभू शाह की पुत्री सृजन कुमारी की मौत हो गई। जबकि छह माह की दीपाली कुमारी अभी भी जीवन और मौत से संघर्ष कर रही है। चमकी बुखार के लक्षण वाली बीमारी से एक बच्ची की मौत तथा एक अन्य के पीड़ित होने के बाद कुचायकोट समेत आस-पास के गांव में दहशत का माहौल है। बच्चों के परिजन घबराए और सहमे हुए हैं।