जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों से वाहन चोरी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। चोरों की सक्रियता के आगे नगर थाने की पुलिस लाचार सी बन गई है। वाहन चोरों का पता नहीं लगा पाने से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग उंगली उठाने लगे हैं। चोर किसी न किसी इलाके में हर एक दो दिन में वाहन उड़ा ले जा रहे हैं। सरकारी कर्मियों तक वाहन चोरों के निशाने पर हैं। इस साल में अब तक सौ से भी अधिक वाहन पर चोर हाथ साफ कर चुके हैं। अकेले जुलाई माह से चोरों ने 35 बाइक तथा छह चारपहिया वाहनों की चोरी की घटना को अंजाम दिया। इसके बावजूद पुलिस वाहन चोरी के बढ़ते मामले पर लगाम लगाने की कारगर व्यवस्था नहीं कर सकी है।
शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में वाहन चोरों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। वाहन चोर गिरोह के सदस्य की सक्रियता का आलम यह है कि जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी किए गए वाहन सुरक्षित नहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर अस्पताल चौक, पोस्ट ऑफिस चौक, चिराई घर के आसपास इस साल अभी तक अकेले इसी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक वाहनों की चोरी हो चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि पूरे जिले में इस साल अबतक सौ से भी अधिक वाहनों को चोर उड़ा चुके हैं। दो-चार मामलों को छोड़ अधिकांश मामलों का उद्भेदन कर पाने में पुलिस अबतक विफल रही है। जिला मुख्यालय के साथ ही सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी वाहन चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हद तो यह कि कई वाहन चोरी के मामलों में चोरों का पता लगा पाने में विफल रहने पर पुलिस घटना को सत्य लेकिन सूत्रहीन बताकर जांच बंद कर दे रही है। ऐसे में कई चोरी के मामले पुलिस की फाइलों में ही दफन होकर रह जाते हैं।