एडीजे आठ शोभा कांत मिश्रा की कोर्ट ने दहेज हत्या के एक आठ साल पुराने मामले में दो लोगों को आठ -आठ वर्ष के कारावास व बीस-बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्तों को छह -छह माह की अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी। अर्थदंड की कुल राशि में से आधी सूचक को मुकदमा खर्च के रूप में देने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीवान जिले के बड़हरिया थाने के शिवराजपुर गांव के शिवनाथ राम की पुत्री मंतुरा की शादी हथुआ थाने के तुर्कपट्टी गांव के एजिस्टर राम के पुत्र मुकेश राम के साथ हुई थी। शादी के बाद पति के व्यवसाय के लिए मायके से बतौर दहेज रुपए लाने के लिए ससुराल वाले मंतुरा को प्रताड़ित करने लगे। अन्तत: 23 मई 2010 को उसकी हत्या कर साक्ष्य छिपाने के लिए शव को जला दिया गया । मामले में मृतका के पिता के बयान पर थाने में दामाद मुकेश राम ,उनके भाई मनोज राम व संकेश राम व मां कमलावती देवी के खिलाफ हथुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। पुलिस ने दो महीने के अंदर ही 21 जुलाई 2010 को मनोज राम व संकेश राम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया था। मामले में अभियोजन पक्ष से एपीपी बलदेव राय व बचाव पक्ष के अधिवक्ता भूलन सिंह का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई।
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