अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आठ शोभा कांत मिश्रा की कोर्ट ने ससुर की हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए दामाद को 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद दामाद को जेल भेज दिया गया। बताया जाता है कि नगर थाने के चैनपट्टी गांव के सुदामा राम की पुत्री कुमानती देवी की शादी कुचायकोट थाने के सासामुसा नया टोला के ओमप्रकाश राम के साथ हुई थी। उसका पति हमेशा शराब पीकर पत्नी के साथ गाली-गलौज व मारपीट करता था। पत्नी से शराब के लिए पैसे मांगता रहता था। इसी बीच 29 दिसंबर 2015 को शराब के लिए पत्नी से पैसे की मांग कर रहा था। तब कुमानती ने अपने पिता सुदामा राम को इसकी जानकारी दी थी। अपने दामाद को समझाने सुदामा राम जब पुत्री के ससुराल पहुंचे तो ओमप्रकाश राम ने धारदार हथियार से गर्दन पर वार करके उनकी हत्या कर दी। इस मामले को लेकर कुचायकोट थाने में कांड संख्या 649/16 दर्ज किया गया था। कांड के अनुसंधान के चार्जशीट सौंपने के बाद एडीजे 8 की कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष से एपीपी रमेश चंद्र मिश्रा व बचाव पक्ष से अधिवक्ता वशीर अहमद का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने दोषी पाते हुए दामाद को 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई। अर्थ दंड नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी।
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