सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय संचालन समिति का होगा गठन
• सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर की होगी स्थापना
• जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी किया जाएगा चयनित
• डीएम की अध्यक्षता में संचालन समिति की होगी बैठक
[the_ad id=”13129″]
गोपालगंज। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच जिले में 16 से 29 सितंबर तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। सघन दस्त नियंत्रण पखवारा को सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर आईडीसीएफ स्टीयरिंग कमिटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में सिविल सर्जन को जिम्मेदार पदाधिकारी चयनित किया जाएगा। जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय आईडीसीएफ संचालन समिति(स्टीयरिंग कमिटी) का गठन किया जाएगा एवं पखवाड़ा के पूर्व, दौरान एवं पश्चात में संचालन समिति के साथ बैठक सुनिश्चित की जाएगी। जिला संचालन समिति के सदस्य जिला पदाधिकारी, सिविल सर्जन, नोडल जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी एवं सभी सहयोगी संस्था जैसे यूनिसेफ, केयर इंडिया के पदाधिकारी सदस्य होंगे। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी इस कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी होंगे तथा जिला समुदायिक उत्प्रेरक उनको सहयोग प्रदान करेंगे।
[the_ad id=”13286″]
जिला व प्रखंड स्तर पर उन्मुखीकरण कार्यशाला का होगा आयोजन:
पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय वेबीनार के माध्यम से उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी, प्रखंड समुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सीडीपीओ आईसीडीएस, एसआरयू/ डीआरयू, यूनिसेफ आईएमए के प्रतिनिधि भाग लेंगे। साथ ही प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण में चिकित्सक, आयुष चिकित्सक, स्टाफ नर्स, एनएम, आशा, आशा फैसिलिटेटर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला सुपरवाइजर भाग लेंगी।
[the_ad id=”13287″]
स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर की होगी स्थापना:
पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कॉर्नर के लिए सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सीएचसी में दो तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उप केंद्र में एक स्थल का चयन कर ओआरएस जिंक कॉर्नर का निर्माण किया जाएगा। यहां पर जिंक टेबलेट की समूची मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस कॉर्नर में प्रशिक्षित स्टाफ की पदस्थापना भी की जाएगी। बैनर पोस्टर और माइकिंग के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
[the_ad id=”13131″]
आरोग्य दिवस पर माताओं को दी जाएगी डायरिया से बचाव की जानकारी:
पखवाड़ा के दौरान एएनएम के द्वारा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के माताओं को वीएचएसएनडी सत्र यानि आरोग्य दिवस पर कोविड-19 से बचाव के उपाय अपनाते हुए डायरिया नियंत्रण संबंधित जानकारी दी जाएगी। जिंक और ओआरएस के उपयोग, हाथ धोने के तरीके एवं खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। वीएचएसएनडी सत्रों एवं उपकेंद्रों में स्तनपान एवं पूरक आहार के महत्व के बारे में माताओ को सलाह दी जाएगी। डायरिया से ग्रसित व अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर उपचार के लिए रेफर किया जाएगा।
[the_ad id=”13131″]
बैनर पोस्टर के माध्यम से जागरूक करेगी मोबाइल टीम:
मोबाइल टीम नगर पालिका/ नगर निगम के साथ समन्वय स्थापित कर शहरी क्षेत्र के झुग्गी झोपड़ी, अनाथालय, सड़क पर रहने वाले बच्चे, प्रवासी आबादी इत्यादि का अच्छादान किया जाएगा। साथ ही इन स्थानों पर बैनर पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जाएगा।
[the_ad id=”13129″]
पखवाड़े की जिला व राज्य स्तर पर होगी मानिटरिंग:
पखवाड़े के दौरान 3 सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम का गठन किया जाएगा। इस टीम में संबंधित क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक तथा डेवलपमेंट पार्टनर के पदाधिकारी शामिल होंगे। टीम के द्वारा दो दिवसीय अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा वीएचएसएनडी सत्र को प्राथमिकता देते हुए प्रतिदिन कम से कम 2 गांव का भ्रमण किया जाएगा। जिला स्तर पर संचालन समिति (स्टीयरिंग कमिटी) टीम सघन रूप से हर स्तर पर पखवाड़े का सघन पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण कराना सुनिश्चित करेगी। इसके लिए भ्रमण की कार्य योजना पहले से तैयार की जाएगी। उच्च प्राथमिकता वाले प्रखंडों, सुदूर क्षेत्र, सलाम एवं ऐसे इलाके जहां दस्त का प्रकोप अधिक हो, वहां विशेष रूप से पखवाड़े का अनुश्रवण किया जाएगा।
[the_ad id=”13285″]
Leave a Reply