मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी : सिविल सर्जन
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•अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर परामर्श शिविर का हुआ आयोजन
• मानसिक तनाव से बचने के बारे में दी गई जानकारी
गोपालगंज। अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिले के सदर अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य जांच व परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ टीएन सिंह व एसीएमओ डॉ एके चौधरी, एनसीडीओ डॉ संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया । तनावग्रस्त जीवनशैली एवं बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में ”अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता एवं चिकित्सकीय परामर्श शिविर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों को मानसिक तनाव से बचने के बारे में जानकारी दी गई तथा विशेष रूप से उनकी काउंसलिंग की गई। इस मौके पर सीएस डॉ टीएन सिंह ने कहा कि आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में अनियमित जीवनशैली के कारण थकान होना आम बात है। शरीर की थकान जब शारीरिक बीमारी का कारण बनती है, तो हम दवाओं या अन्य उपायों के जरिए ठीक हो जाते हैं। वहीं, मानसिक थकान हमें मानसिक तौर पर बीमार कर सकती है। मानसिक तौर पर अस्वस्थ होने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता। कई बार पढ़ाई या काम के बोझ, रिश्ते में दरार, करियर को लेकर हमारी चिंता हमें तनाव देती है और यह लंबे समय तक रहा तो डिप्रेशन यानी अवसाद में तब्दील हो सकता है। ऐसे में मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बेहद जरूरी है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ टीएन सिंह, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, एनसीडीओ डॉ संजय कुमार सिंह, डीएमईओ जयंत कुमार चौहान क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट रत्नेश्वर पांडेय, साइकेट्रिस्ट नर्स फिरोज खान समेत अन्य मौजूद थे।
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तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता:
एनसीडीओ डॉ संजय कुमार सिंह ने कहा कि यह बात हर किसी को हर दिन याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता बल्कि कई अन्य समस्याओं को जन्म देता है। उदाहरण के लिए तनाव आपको अत्यधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नहीं अनिवार्य हो गया है।
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बैनर पोस्टर के माध्यम से किया गया जागरूक:
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीएमईओ जयंत कुमार चौहान ने बताया कि मानसिक तनाव से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया गया तथा आवश्यक परामर्श दिया गया। स्वास्थ्य संस्थानों पर बैनर-पोस्टर, हैंडबील, पम्पलेट के माध्यम से कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी प्रखंड के कर्मियों निर्देश दिया गया है कि स्थानीय स्तर पर लोगों जागरूक करें।
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24×7 घंटे उपलब्ध है नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा:
क्लीनिकल साईकोलोजीस्ट डॉ रत्नेश्वर पांडेय ने बताया वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच आमजनों को मानसिक तनाव से दूर रखने व इससे बचाव के लिए कई प्रयास किये जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के 24×7 मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। टॉल फ्री नंबर- 104 पर डायल कर मानसिक स्वास्थ्य संबंधित परामर्श ले सकते है। इसके अलावां नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर परामर्श की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही सदर अस्पताल स्थित जिला मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी सुविधाएं उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के बीच ये लक्षण दिखें तो ले सलाह:
• स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई
• बार-बार एवं गलत, नकारात्मक विचारों को आना
• आदत, मन एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन का होना
• वैसी चीजों को देखना और सुनना जो आस-पास मौजूद नहीं हो
• आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना
• क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोल, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति
• बिना चिकित्सीय सलाह के औषधियों का अत्यधिक सेवन
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