कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
• एक माह के मूल वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि देने की मिली स्वीकृति
•कोरोना योद्धा के मनोबल को बनाए रखने के लिए शुरू की गई पहल
• कोविड-19 में अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने वाले चिकित्सकों को रखा जाएगा वंचित
गोपालगंज: वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ छिड़ी जंग में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन रहे हैं। दिन-रात कोरोना की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ऐसे चिकित्सकों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक अच्छी पहल की शुरुआत की है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को 1 माह के मूल वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि कोविड-19 के परिपेक्ष में राज्य के सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल को बनाए रखने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के रूप में एक माह के मूल वेतन के समतुल्य प्रोत्साहन राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। प्रोत्साहन राशि के लिए चिकित्सक स्वास्थ्य कर्मी एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी जिनके द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम एवं चिकित्सा में अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन किया गया हो उनको यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा चिन्हित नियमित एवं संविदागत कर्मी अहिर्त माने जाएंगे। सभी के संदर्भ में मूल वेतन का आधार 1 अप्रैल 2020 को प्राप्त मूल वेतन होगा। इस व्यय का वहन मांग संख्या 20 (स्वास्थ्य विभाग) के अंतर्गत चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यालय से संबंधित सुसंगत विपत्र कोड के सुसंगत विषय शीर्ष अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में उपबंधित राशि से की जाएगी।
कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने वालों को रखा जाएगा वंचित:
जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि वैसे चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी जिनके द्वारा कोविड 19 में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया है, उन्हें यह प्रोत्साहन राशि अनुमान्य नहीं होगा। इसे सुनिश्चित कराने के लिए जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय प्रधान की होगी।
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कोरोना योद्धा के मनोबल को बनाए रखने के लिए शुरू की गई पहल:
कोविड-19 के खिलाफ पूरा देश जंग लड़ रहा है ऐसे में हमारे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धा बनकर देश व समाज की रक्षा कर रहे हैं। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी मनोबल को बढ़ाएं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया है कि उन तमाम कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जो कोविड-19 के परिपेक्ष में अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
पेड आइसोलेशन की मिल रही सुविधा:
कोरोना से जंग लड़ते लड़ते डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी खुद कोरोना के चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में उनकी भी विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा है। कोविड-19 पॉजिटिव बिना लक्षण वाले चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों और फ्रंटलाइनर वर्कर को सशर्त होम आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की गई है। कई स्वास्थ्य कर्मी किराए के मकान में रहते हैं और घर पर सेल्फ आइसोलेशन एवं परिवारिक संपर्क को क्वारेंटिन करने की आवश्यक सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती है। इस को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ विभाग की ओर से पेड आइसोलेशन की सुविधा प्रदान की गई है। ऐसे चिकित्सक या स्वास्थ्य कर्मी जिन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है उनके लिए किराए के होटल में आइसोलेट किया जाएगा।
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50 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान:
ड्यूटी के दौरान कोरोना से अगर चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की मौत होती है तो उनके स्वजन को सरकार के द्वारा 50 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान भी पूर्व में किया गया है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के इलाज के दौरान कोई भी सरकारी, गैर सरकारी व संविदा आधारित चिकित्सक तथा कर्मी उसके प्रभाव में आकर ग्रसित होते हैं और उनकी मौत होती है तो उनके स्वजनों को 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी।
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