अप्रैल का महीना चल रहा है। जिले भर में लोग 40 डिग्री तापमान में गर्मी का सामना कर रहे हैं। वहीं, जिले में रविवार की रात से सोमवार की दोपहर तक मौसम का कॉकटेल देखने को मिला। 15 घंटे में मौसम का चरित्र तीन बार बदला। रविवार की रात 9 बजे ओस की बूंदें गिरी। सोमवार सुबह 7 बजे तक लोगों को भीषण कोहरा देख लोगों के होश उड़ गए। कोहरा भी इतना घना था कि, विजिवलिटी 20 मीटर आंकी गई। सड़कों पर लाइट जलाकर वाहन रेंगते नजर आए। …फिर दोपहर 12 बजे बाद तल्ख धूप व गर्मी चेहरा झुलसाने लगी।
लोगों में कौतुहल
गर्मी के पीक में कुहासे में ऐसी तस्वीर देखने को नहीं मिलती है। धुंध का असर पूरे जिले में रहा। मौसम के इस बदले करवट को देखकर लोग भी हैरान हो गए। हालांकि धीरे-धीरे धूप के साथ कोहरा जरूर खत्म हो गया लेकिन लोगों के बीच अभी भी यह चर्चा का विषय है कि आखिर अप्रैल के महीने में ऐसा कुहासा कैसे हो सकता है? दिन चढ़ते आसमान से आग बरसने लगी और पारा 40 डिग्री पर पहुंच गया।
कोहरा नहीं धुंध था
मौसम वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि यह कोहरा नहीं धुंध था। धुंध भी कोहरे की तरह ही होती है, अंतर बस केवल इतना है कि यह अधिक घनी हो जाती है। जहां कोहरा हमें जाड़े में दिखायी देता है वहीं धुंध हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होती है।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस का घोल व ठंडे पानी की होगी व्यवस्था
तापमान में वृद्धि के साथ गर्म हवाएं चलने लगी है। ऐसे में आम से खास को कठिनाइयों से दो-चार होना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में भीषण गर्मी के प्रकोप को देखते हुए आईसीडीएस विभाग ने परियोजना पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि गर्मी के कारण हीट वेव चलती है। जिससे जनजीवन प्रभावित होता। लोगों को स्वास्थ्य व पेयजल संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी एवं लू के प्रभाव से विशेषकर छोटे बच्चे, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को काम के लिए घर से बाहर निकलने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाए । वहां गर्म हवा से बचाव से संबंधित आईईसी प्रदर्शित कर लोगों को जागरूक किया जाए।
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