नौ साल के बच्चे को हवस का शिकार बनाए जाने की घटना को सत्य पाते हुए बुधवार को गोपालगंज जिले में अपर जिला और सत्र न्यायाधीश छह बालेंद्र शुक्ला के पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना देने का आदेश है. कोर्ट का फैसला घटना के महज डेढ़ वर्ष के भीतर आया है. आरोपी सजा सुनने के साथ ही कोर्ट में फफक कर रो पड़ा. इससे पहले भी सजा के भय से वह तीन-तीन बार बीमार हो चुका था. कोर्ट के फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है. कानूनविदों ने कहा कि कोर्ट के फैसले से गलत करने वालों को बेहतर सबक मिलेगा.
शादी समारोह में बनाया था शिकार
जिले के मांझा थाना क्षेत्र के एक गांव में नौ फरवरी, 2020 को पीड़ित के घर के बगल में बेटी की शादी थी. बारात आई थी. पूरा परिवार शादी समारोह में व्यस्त था. उसी दौरान रात के नौ बजे अपने दरवाजे पर बैठे नौ साल के बच्चे को उसी गांव का दीपू महतो(22) ने गन्ने की खेत में ले जाकर अपने हवास का शिकार बनाया. बच्चा जब बेहोश हो गया तब वह उसे छोड़कर वहां से भाग निकला था. रात के दो बजे परिजन बच्चे के कराहने की आवाज पर खेत पहुंचे और उसे अस्पताल में भर्ती कराया. इस मामले में अगले दिन मांझा थाने में कांड संख्या-40/20 दर्ज करायी गई थी. पुलिस ने उसी समय आरोपित दीपू महतो को गिरफ्तार कर लिया था.
आठ लोगों की गवाही के बाद आया फैसला
मांझा पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपित के खिलाफ पॉक्सो स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया. स्पेशल लोक अभियोजक दारोगा सिंह की ओर से आठ गवाहों की गवाही करायी गई. कोर्ट को महत्वपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध कराये गए. बचाव पक्ष के अधिवक्ता धनराज सिंह और अब्बू समीम अंसारी की ओर से भी अपनी दलीलें दी गईं. कोर्ट ने जून में ही सुनवाई पूरी कर जब आरोपी को दोषी करार दिया तो वह बेहोश होकर गिर पड़ा था. बीमारी का बहाना कर तीन डेट को टाल चुका था. इस बीच बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.
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