गोपालगंज में बेखौफ अपराधियों (Firing in Gopalganj) ने जेडीयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय (JDU MLA Amrendra Pandey) के करीबी देवेंद्र पांडे की गोलियों से भून कर हत्या कर दी। इस फायरिंग के दौरान पप्पू पांडेय के एक और करीबी जिसका नाम पप्पू पांडेय है उसे भी गोली लगी है। एक और शख्स के पैर में गोली लगी है। दोनों घायलों को गंभीर हालत में गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया है। घटना गोपालपुर थाना इलाके के राजापुर बाजार की है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम (Bihar Police) मौके पर पहुंची है और मामले की जांच में जुट गई है।
राजापुर बाजार में फायरिंग, देवेंद्र पांडेय की मौके पर मौत
बताया जाता है कि देवेंद्र पांडेय और पप्पू पांडेय राजापुर बाजार में थे तभी अज्ञात अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में देवेंद्र पांडे की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दो अन्य लोगों को भी गोली लगी है जिसमें एक का नाम पप्पू पांडेय है, जो विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय का काफी करीबी है। इस घटना के बाद दो अपराधियों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, जिसमें एक अपराधी की जमकर पिटाई भी की गई है।
फायरिंग क्या गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस का बदला?
इसी साल मई में गोपालगंज के हथुआ थानांतर्गत रुपनचक गांव में आरजेडी नेता के घर में घुसकर अपराधियों ने जेपी यादव समेत उनके चार परिजनों को गोलियों से भून दिया था। अपराधियों की ओर से ताबड़तोड़ की गई फायरिंग की वजह से आरजेडी नेता जेपी यादव के माता-पिता की मौत हो गई थी। वहीं गंभीर रूप से घायल उनके एक भाई ने गोरखपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस हत्याकांड का आरोप अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडेय और उनके साथियों पर लगाया गया था। जिले में दबी जुबान से ये बात आग की तरह फैल रही है कि पप्पू पांडेय के करीबियों पर हमला उसी हत्याकांड का बदला लेने के लिए किया गया है।
कुचायकोट से जेडीयू विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय ने इस विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस उम्मीदवार काली प्रसाद पांडेय को करीब 21 हजार मतों के अंतर से हराया। पप्पू पांडेय जनता के बीच मिस्टर क्लीन की छवि बनाने की भरसक कोशिश में रहते हैं। लेकिन थाने का रजिस्टर खंगाला जाए तो पचासों पन्ने केवल इनके कारनामे से ही अटे हुए हैं।
कुचायकोट दियारा और गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है। कुचायकोट को करीब से जानने वाले कहते हैं कि पप्पू पांडेय की राजनीति गन्ने की खेती से बिल्कुल उलट है। गन्ने की फसल की कटाई करने में मुश्किल होती है, लेकिन उसके अंदर का रस मिठास देता है। वहीं इसके ठीक उलट पप्पू पांडेय, जनता के बीच दयावान की छवि बनाए हुए हैं, लेकिन पर्दे के पीछे की इनकी क्राइम फाइल लंबी चौड़ी है।
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