अपने बच्चे का पालन पोषण करने के लिए कुचायकोट प्रखंड के सासामुसा बाजार में भीख मांग रही एक परित्यक्ता महिला के जीवन में फिर नई रोशनी आ गई है। सासामुसा बाजार के लोगों की पहल पर कबाड़ खरीदने वाले युवक ने इस महिला से शादी रचा कर जीवन साथी बना लिया। युवक ने महिला के बच्चों को भी अपना लिया। सासामुसा बाजार स्थित दुर्गा मंदिर में मंदिर के पुजारी पंचानंद की देखरेख में परित्यक्ता महिला की शादी कबाड़ खरीदने वाले युवक से पूरे विधि विधान से संपन्न कराई गई । बाजार के लोगों की इस पहल की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है।
बताया जाता है कि उर्मिला देवी सासामुसा बाजार में अपने पति के साथ रहती थी। उनके दो बच्चे एक बेटी व एक बेटा है। दो साल पहले उर्मिला देवी के पति ने छोड़ दिया। इसके बाद उर्मिला देवी अपने दोनों बच्चों को लेकर स्टेशन परिसर में रहने लगी। अपने दोनों बच्चों का पालन पोषण करने के लिए वह सासामुसा बाजार में भीख मांगने लगी। एक साल पहले घूमंतु जाति के कुछ लोग आए और उसकी बेटी को लेकर चले गए। लेकिन, वे लोग उर्मिला देवी तथा उनके बेटे को साथ ले जाने से मना कर दिए। बेटी को ले जाने के बाद बेटे के साथ वह भीख मांगती रही। उसकी बेबसी को देखकर बाजार के लोग उसकी मदद भी करते रहते थे। सासामुसा बाजार में ही उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के अहिरौली दान गांव निवासी अशोक कुमार भी कबाड़ खरीदने का काम करता है। इस युवक को भी उर्मिला देवी की बेवसी की जानकारी हुई। युवक अशोक कुमार ने उर्मिला देवी को शादी करने का प्रस्ताव रखा। एक बार अपने पति से धोखा खा चुकी उर्मिला देवी ने युवक के शादी करने के प्रस्ताव को यह कह कर टाल दिया कि बाद में बताएंगे। इसी बीच बाजार के लोगों को परित्क्ता महिला से युवक के शादी करने की इच्छा की जानकारी हुई। बाजार के लोगों की पहल पर महिला युवक से शादी करने के लिए तैयार हो गईं। दोनों की रजामंदी के बाद बाजार के लोगों ने सासामुसा बाजार स्थित दुर्गा मंदिर में पूरे विधि विधान से शादी कराई। अब इस परित्यक्ता महिला के जीवन में फिर से रोशनी आ गई है। बेटा को भी अपने नए पिता का घर मिल गया। महिला तथा युवक की शादी कराने में मंदिर के पुजारी पंचानंद बदामी देवी, लक्ष्मी देवी, सुमन देवी, राहुल, ऋषि समेत तमाम लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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