आरटीपीएस सेवाओं में सुधार लाने के लिए विभागीय कवायद ने दलालों का काम और आसान बना दिया है। दस दिसंबर से आरटीपीएस सेवाओं में सुधार और बेहतर सेवा के लिए सर्विस प्लस वेबसाइट शुरू की गई है। इससे आवेदकों को समय से उनके जरुरत के प्रमाण पत्र निर्गत किए जा सकेंगे। लेकिन, आवेदकों के लिए आरटीपीएस काउंटर का सर्वर फेल हो जाता है। वेबसाइट की तकनीकी दिक्कत के कारण आवेदन जमा करने में घंटों लग जाता है। प्रमाण पत्र निर्गत करने में भी देरी होती है। लेकिन, दलालों के माध्यम से आवेदकों का काम समय से हो जाता है। आवेदकों के सामने आ रही तकनीकी खराबी दलालों के पहुंचते ही अपने आप ठीक हो जाती है।
मंगलवार को दिन के दो बजे हैं। कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर आवेदन जमा करने के लिए लोग काउंटर के पास खड़े हैं। आवेदन जमा करने आने वाले कई लोग पिछले कई दिन से दौड़़ लगा रहे हैं। आरटीपीएस काउंटर पर खड़ीं नीता कुमारी, गुड़िया तथा धीरज कुमार ने बताया कि कई दिन पहले उन्होंने जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था । अब तक कई बार चक्कर लगाने के बाद भी कार्यालय से उनका प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पाया है। काउंटर के बाहर तीन घंटों से लाइन में खड़े महेश कुमार ने बताया कि बार-बार वेबसाइट का सर्वर फेल होने के चलते कार्य की रफ्तार बेहद धीमी है। देखें, कब तक आवेदन जमा हो पाता है। यहां आए लोगों ने बताया कि कभी सर्वर फेल तथा कभी तकनीकी गड़़बड़ी की बात कह उनका काम लटकाया जाता है। वहीं दलाल के माध्यम से काम कराने पर समय से प्रमाण पत्र निर्गत हो जाता है। वहीं आरटीपीएस काउंटर के कर्मचारी आशुतोष ने बताया कि दस दिसंबर से सर्विस प्लस के नाम से विभाग द्वारा नया वेबसाइट लांच किया गया है । इस वेबसाइट में लगातार आ रही तकनीकी दिक्कत और सर्वर डाउन होने के चलते आवेदकों के साथ उन्हें भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि एक एक आवेदन को अपलोड करने में आधा घंटा से भी ज्यादा समय लगता है। जिससे काम की रफ्तार काफी धीमी हो जाती है। इसको लेकर कई बार आवेदकों के आक्रोश का भी सामना कर्मचारियों को करना पड़ता है । उन्होंने बताया कि अभी कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर से ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया बंद है। सिर्फ ऑनलाइन आवेदन कर के प्रमाण पत्र पाया जा सकता है। इसके बाद भी लोग आवेदन जमा करने पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले का आवेदन लेकर उसे ऑनलाइन करना पड़ता है। अभी 70 से 80 आवेदन जाति , निवास, और आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदक आवेदन कर रहे हैं । आवेदन के आधार पर आवश्यक कार्रवाई के बाद लोगों के प्रमाण पत्र निर्गत किए जा रहे हैं। लेकिन वेबसाइट के तकनीकी गड़बड़ी के चलते अभी आवेदकों को बार-बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
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