अपराधियों की गोली के शिकार बने रुपनचक गांव निवासी जयबहादुर सिंह को एक युवक की हत्या के मामले में जेल जाना पड़ा था। बताया जाता है कि दो साल पहले बालाहाता गांव निवासी बृजबिहारी प्रसाद का पुत्र प्रद्मुन श्रीवास्तव जयबहादुर सिंह के पोखरे से घर जा रहा था। इसी बीच इस युवक की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में जयबहादुर सिंह का भी नाम प्राथमिकी में आया था। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। दस महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर वे जेल से छूटे थे।
चकबंदी विभाग के अमीन के पद पर कार्यरत जयबहादुर सिंह नौकरी छोड़ कर अपने गांव आ गए थे। शुरू में उन्होंने चंवर में स्थित अपनी डेढ़ बीघा जमीन में तालाब बनाकर उसमें मछली पालन शुरू किया। तालाब के किनारे सागवान के पौधे लगाए। उनकी पहल को देख कर धीरे-धीरे अन्य ग्रामीण भी इस मुहिम में जुटते चले गए।
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