कोरोना से जंग लड़ रहे चिकित्सकों को दी जायेगी साईकोलॉजिकल सपोर्ट ट्रेनिंग
•ऑनलाईन ट्रेनिंग के माध्यम से बढ़ाया जायेगा चिकित्सा अधिकारियों का हौसला
•यूनिसेफ द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति से समन्वय स्थापित कर दी जायेगी ट्रेनिंग
•निमहांस के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे चिकित्सक
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गोपालगंज। कोरोना के खिलाफ जंग में चिकित्सक और फ्रंटलाइन वर्कर्स अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहें है। कोरोना के उपचाराधीन मरीजों के उपचार में अपनी महती भूमिका अदा कर रहें है। इस दौरान चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे है। इससे अन्य चिकित्सकों और कर्मियों के मन में भी डर बन रहा है। लेकिन इस परिस्थिति में भी सभी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अपना ड्यूटी कर रहें है। ऐसे में यह देखने को मिल रहा है कि कोरोना शिकार हो रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ भी सामाजिक भेदभाव किया जा रहा है। इस दौरान उनके हौसलों को और बढ़ाने की जरूरत है। इसको लेकर यूनिसेफ बिहार के द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति से समन्वय स्थापित कर आईजीआईएमएस पटना, नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ मेण्टल हेल्थ एण्ड न्यूरो साइंसेस (निमहांस),बैंगलोर के सहयोग से साइकोलॉजिकल सपोर्ट(मानोवैज्ञानिक समर्थन) और सामाजिक भेदभाव विषय पर सारण प्रमंडल के तीन जिलों के चिकित्सा पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसको लेकर यूनिसेफ की ओर से सारण के क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रत्ना शरण को पत्र भेजा है तथा तैयारी शुरू कर दी गयी है।
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जूम एप के माध्यम से दिया जायेगा प्रशिक्षण:
क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ रत्ना शरण ने बताया कि यह प्रशिक्षण जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन दिया जायेगा। प्रशिक्षण में सारण, सिवान और गोपालगंज जिले के सभी अस्पतालों सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी शामिल होंगे। यह प्रशिक्षण दो घंटों का होगा। प्रशिक्षण में साइकोलॉजिकल सपोर्ट, महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य, समुदाय को जागरूक करना, सामाजिक भेदभाव समेत अन्य विषयों पर जानकारी दी जायेगी।
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आशा और एएनएम को दिया जा चुका है प्रशिक्षण:
इसके पूर्व मई महीने में यूनिसेफ और राज्य स्वास्थ्य समिति के सहयोग से राज्य के सभी आशा कार्यकर्ता और एएनएम को साइकोलॉजिक सपोर्ट और सामाजिक भेदभाव पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब जिला से लेकर पीएचसी स्तर पर चिकित्सकों को यह प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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28 अगस्त को होगा प्रशिक्षण:
क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रत्ना शरण ने बताया कि यह प्रशिक्षण 28 अगस्त को होगा। जिसमें जूम के माध्यम से तीनों जिलों के चिकित्सकों को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसको लेकर तैयारी की जा रही है। इसमें सारण प्रमंडलीय आयुक्त आर.एल. चोंग्थू भी शामिल होंगे। सभी संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। प्रशिक्षण की शुरूआत डॉ. रत्ना शरण करेंगी। प्रशिक्षण के उदेश्य पर यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. शैयद हबे अली, मुख्य बिन्दुओं पर सारण के प्रमंडलीय आयुक्त आर.एल. चोंग्थू अपनी बातों को रखेंगे।
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कोविड-19 महामारी में साइकोलॉजिकल सपोर्ट विषय पर निमहांस बैंगलौर के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. जनार्धन एन, महामारी और मानसिक स्वास्थ्य विषय पर आईजीआईएमएस पटना के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. राजेश कुमार, सामुदायिक जागरूकता और परामर्श विषय पर आईजीआईएमएस पटना की नैदानिक मनोचिकित्सक प्रिया कुमार, कोविड-19 से संबंधित स्टिग्मा(कलंक) और सामाजिक भेदभाव विषय पर यूनिसेफ बिहार के कम्यूनिकेशन फॉर डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट मोना सिन्हा चिकित्सकों को प्रशिक्षण देंगी।
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