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गोपालगंज में अतिक्रमण के खिलाफ चला एनएचएआइ का डोजर, चार मकान ध्वस्त

एनएच 27 को एनएच 531 से जोड़ने के लिए शहर के बंजारी से बनाई जा रही नई बाइपास सड़क में बाधा बने अतिक्रमणकारियों पर गुरुवार को एनएचएआइ का डोजर चला। मुआवजा मिलने के बाद घर खाली नहीं किए जाने से निर्माण में उत्पन्न हो रही बाधा हो देखते हुए एनएचएआइ की टीम ने जिला प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चार पक्का मकान को डोजर की मदद से ध्वस्त कर निर्माण कार्य में आ रही बाधा को दूर कर दिया। इस अभियान के दौरान सदर एसडीपीओ उपेंद्र पाल भी मौके पर मौजूद थे। बवाल की आशंका को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल के जवान तैनात रहे। शहर के बंजारी मोड़ से होकर एनएच 27 गुजरती है। वहीं शहर के अरार मोड़ से गोपालगंज-छपरा एनएच 531 जाती है। एनएच 531 के बीच शहर से होकर गुजरने के कारण आए दिन जाम लगता है। बड़े वाहनों के गुजरने से हादसे की आशंका भी बनी रहती है। यह देखते हुए एनएच 27 से अरार मोड़ से होकर एनएच 531 से सिवान-छपरा जाने वाले वाहन शहर से होकर नहीं गुजरें, इसके लिए एनएचएआइ बंजारी से शहर के बाहर से होते हुए एनएच 531 को जोड़ने के लिए नया बाइपास सड़क बना रहा है। बाइपास के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा भी जमीन मालिकों को दे दिया गया है। लेकिन, इसके बाद भी चार मकान को मकान मालिक खाली नहीं कर रहे थे। जानकारी मिलते जिलाधिकारी डॉ.नवल किशोर चौधरी ने मकान हटाने का आदेश दिया। डीएम के आदेश के बाद गुरुवार को एनएचएआइ की टीम सदर एसडीओ उपेंद्र पाल, बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर, सीओ विजय कुमार सिंह, नगर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार तथा भारी पुलिस बल के साथ बंजारी मोड़ के समीप पहुंच गई। डोजर की मदद एक दो मंजिला मकान सहित चार मकान को ध्वस्त कर अतिक्रमण हटा दिया गया। सदर एसडीओ उपेंद्र पाल ने बताया कि बाइपास सड़क निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। बंजारी मोड़ के पास चार लोग अपना मकान नहीं हटा रहे थे, जिसके कारण बाइपास निर्माण कार्य पूरा करने में एनएचएआइ को परेशानी हो रही थी। चारों मकान को ध्वस्त कर अतिक्रमण हटा दिया गया है। जल्द की बाइपास सड़क का निर्माण कार्य पूरा होगा।

नोटिस नहीं देने की बात कह किया विरोध:

शहर के बंजारी मोड़ के समीप बाइपास सड़क के निर्माण में बाधा बने चार मकान को ध्वस्त करने पहुंची एनएचएआइ की टीम को मकान मालिकों तथा उनके परिवार के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। मकान मालिक दिलीप पाण्डेय का कहना था कि बिना नोटिस जारी किए ही मकान को तोड़ दिया गया है। अगर जिला प्रशासन ने हमलोगों को नोटिस दिया होता तो खुद मकान खाली कर देते।

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