कुचायकोट थाने के बलथरी चेकपोस्ट पर जब्त 3.5 करोड़ की करेंसी के मामले की अब जांच आयकर विभाग के साथ इडी करेगा. नोट कहां जा रहा था. किस उपयोग के लिए जा रहा था. देशद्रोही गतिविधियों में नोट के खर्च होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता. कुचायकोट पुलिस की ओर से आठ माह की जांच में कोई ठोस नतीजा नहीं निकाला जा सका है. प्रभारी सीजेएम मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने नोट की बरामदगी के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी निष्पक्ष जांच के लिए आयकर व इडी को आदेश दिया. इडी को कोर्ट ने केस की जांच सौंपते हुए कहा है कि आयकर विभाग के साथ जांच कर कोर्ट को जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराएं कि नोट आखिर किस कार्य के लिए लाया जा रहा था. कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि जब्त की गयी राशि को आयकर विभाग को सौंप दें, जिससे निष्पक्ष जांच हो सके. कोर्ट के आदेश के बाद आयकर विभाग ने राशि को ट्रेजरी से अपने कब्जे में ले लिया है.
बलथरी चेकपोस्ट पर कार के साथ जब्त हुई थी राशि
बलथरी चेकपोस्ट पर 27 मार्च की दोपहर 12:35 बजे एक कार पहुंची. कार की जांच की गयी, तो कुछ नहीं मिला. चालक से चेकपोस्ट पर तैनात उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर प्रकाश चंद्रा ने पूछताछ की, तो भेद खुला की कार में गुप्त डिक्की है, जिसमें रुपये हैं. उसके बाद उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार, पुलिस अधिकारी पहुंचे. नोटों की जांच करायी गयी, तो 3.5 करोड़ रुपये निकले. उसके बाद आयकर कमिश्नर मुजफ्फरपुर के कल्लोल मिस्त्री को बुलाया गया. उनके निर्देश के अनुसार पुलिस कार्रवाई शुरू की. इसकी जांच में पुलिस की टीम लखनऊ व राजस्थान तक छापेमारी कर खाली हाथ लौट चुकी है.
सिल्लीगुड़ी में डिलिवरी करनी थी नोट की खेप
पुलिस को दिये बयान में नोट के साथ गिरफ्तार राजस्थान के बिकानेर जिले के श्रीडुंगरगढ़ के रहने वाले लक्र्क्षु राम के पुत्र राकेश कुमार ने बताया कि 27 मार्च को मेरे ही गांव के रहने वाले युगल किशोर शर्मा, जो इन दिनों लखनऊ रामलीला मैदान के पास तिलक नगर में रहते हैं, वहीं अपनी फोर्ड कार में गुप्त डिक्की बनाकर 3.5 करोड़ की राशि लेकर निकले थे. राकेश के साथ राजस्थान के बिकानेर जिले के नोरंग देसर गांव का मुकेश कुकणा भी था. सुबह कार से निकले लेकिन बलथरी चेकपोस्ट पर पकड़ा गया. यह कार देते हुए युगल किशोर शर्मा के पुत्र मनीष शर्मा ने अपने व्हाट्सएप नंबर-9083501027 से 10, 20 रुपये का नेट का पे करेगा. व्हाट्सएप नंबर 9784947973 पर भी वहीं नोट का नंबर दिखाने पर कार उनको सौंपनी थी. तभी पकड़ा गया.
नोटों की खेप किसके लिए, नहीं हो सका खुलासा
नोटों की खेप किस उद्देश्य के लिए ले जायी जा रही थी, उसका खुलासा आज तक नहीं हो सका. पुलिस की जांच मुख्य आरोपित तक नहीं पहुंच सकी है. इसे देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए दो बड़ी एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है.
जब्त नोट एक नजर में
नोट संख्या राशि
2000 2103 4206000
500 61588 30794000
कुल 35000000
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