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उचकागांव: पत्नी की पीट कर हत्या कर शव को नहर पर फेंका

उचकागांव थाना क्षेत्र के दहीभाता बाजार के समीप चकयोगा नहर पर पति ने पत्नी की पीटकर हत्या कर शव को नहर के दक्षिण पटरी पर फेंक दिया। पत्नी की हत्या करने के बाद गांव पहुंच कर अपने बच्चों तथा पड़ोसियों को पत्नी की सांस नहीं चलने की जानकारी देने के बाद पति फरार हो गया। नहर पर पहुंचे ग्रामीणों ने महिला के खून से लहूलुहान शव को देखकर इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। समाचार लिखे जाने तक इस घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
बताया जाता है कि दहीभाता बाजार में मध्य विद्यालय के पास राजेश नट उर्फ बेंगा नट घर बनाकर पत्नी 40 वर्षीय मनीषा देवी तथा अपने पांच बच्चों के साथ रहता था। राजेश नट टांगी से घर-घर घूम कर लकड़ी काटने का काम करता है। इसकी पत्नी मनीषा देवी भीख मांग कर बच्चों का पालन पोषण करती थी। मंगलवार की सुबह राजेश नट लकड़ी काटने तथा मनीषा देवी भीख मांगने के लिए एक साथ घर से निकले। लेकिन देर रात तक दोनों वापस घर नहीं लौटे। बुधवार की सुबह चार बजे राजेश नट घर पहुंचा तथा बच्चों और पड़ोसियों को बताया कि उसकी पत्नी की सांस नहीं चल रही है और वह नहर पर पड़ी है। इस जानकारी के बाद ग्रामीण उसके साथ नहर की तरफ जाने लगे। इसी बीच राजेश नट वहां से फरार हो गया। नहर पर पहुंचे ग्रामीणों ने देखा की खून से लहूलुहान मनीषा देवी का शव नहर के दक्षिण पटरी पर पड़ा है। ग्रामीणों से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। मृतका के परिजन ने राजेश नट पर पत्नी की पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया है। समाचार लिखे जाने तक इस घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी थी। पुलिस आरोपित पति की तलाश कर रही है।
शराब पीकर आपस में लड़ते रहते थे पति-पत्नी:
सिवान जिले के बलिया पोखर गांव निवासी मैन नट की पुत्री मनीषा की शादी 15 साल पूर्व राजेश नट से हुई थी। इनकी तीन बेटियां तथा दो बेटे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन राजेश नट लकड़ी काटने तथा मनीषा भीख मांगने जाती थी। रात में घर लौटने पर दोनों शराब पीकर अक्सर आपस में लड़ते थे। स्कूल से सटे घर होने के बाद भी बच्चों को नाम स्कूल में नहीं लिखवाया था। मां की हत्या तथा पिता के फरार होने के बाद 12 वर्षीय कुसुम कुमारी, दस वर्षीय बेटी बबीता कुमारी, छह वर्षीय तूफान, चार वर्षीय शिवा तथा एक वर्षीय लक्ष्मी बेसहारा हो गए हैं। इनका परवरिश अब कौन करेगा, इसको लेकर ग्रामीण चिंतित हैं। मां की हत्या के बाद बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।