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थावे : बिहार की आस्था की मिठास घोल रही थावे की पड़किया

गोपालगंज जिले में आने वाले खास से लेकर आम लोग दो काम करना कभी नहीं भूलते। एक जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर पहुंच कर मां थावे भवानी का दर्शन करना और दूसरा थावे की पड़किया खरीदना। अपने विशिष्ट स्वाद के लिए जानी जाने वाली थावे की पड़किया देश-विदेश में बिहार की आस्था की मिठास घोल रही है। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर खाड़ी देशों में भी थावे की पड़किया की विशेष मांग हैं। खाड़ी देशों में काम करने वाले जिले के हजारों लोग घर आने पर खाड़ी देशों में रहने वाले अपने मित्रों के लिए थावे की पड़किया ले जाते हैं।
 
साधु की सलाह पर गौरीशंकर साह बनाने लगे पड़किया
सिवान जिले के जीरादेई थाना क्षेत्र के नरेंद्रपुर गांव निवासी लक्ष्मी साह के पुत्र गौरीशंकर साह ने साल 1947 में एक साधु की सलाह पर पड़किया बनाने का काम शुरू किया था। बताया जाता है कि अपने पिता की मृत्यु के बाद गौरशंकर साह अपने चार भाइयो के साथ थावे के विदेशी टोला निवासी अपने मामा बुनिलाल साह के यहां रखकर मिठाई का कारोबार करने लगे। ये गांव-गांव में घूम कर गट्टा मिठाई बेचने लगे। इसके साथ ही ये स्टेशन के पास दुकान खोल कर मिठाई बेचते थे। स्वर्गीय गौरशंकर के स्वजनों ने बताया कि एक दिन गौरी शंकर साह स्टेशन के पास स्थित अपने दुकान पर बैठे थे। तभी वहां पहुंचे एक साधु ने मिठाई खाने के लिए मांगा। मिठाई खाने के बाद साधु ने आर्शीवाद देते हुए हमेशा शुद्ध घी मिठाई बनाने की सलाह दिया। इसके बाद गौरीशंकर साह पड़किया बनाने लगे। गौरीशंकर की यही पड़किया देश विदेश में यहां की मिठास घोल रही है।
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शुद्ध घी व खोआ से बनाई जाती है थावे की पड़किया:
ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर परिसर के पास थावे गोलंबर पर पहुंचे ही सबसे पहले निगाह सड़क किनारे गौरीशंकर की पड़किया नाम से लाइन से खुले पड़किया की दुकान पर पड़ती है। स्वर्गीय गौरीशंकर साह के चार भाई थे। सबसे बड़े गौरीशंकर साह, जटा शंकर साह, शिवशंकर साह और विश्वनाथ साह थे। इन चारों भाई के परिवार से लगभग सौ सदस्य हैं। स्वजनों ने बताया कि पड़किया बनाने काम लगभग 1947 से किया जा रहा है। इस परिवार की थावे में 12, गोपालगंज में 2, बड़हरिया में 2, सिवान में एक तथा पटना में पड़किया की एक दुकान है। उन्होंने बताया कि पड़किया शुद्ध खोवा और शुद्ध घी से बनाया जाता है। पड़किया में अन्य कोई सामग्री नहीं मिलाई जाती है।