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कुचायकोट: अबतक नहीं मिली मदद, जीवन और मौत से जुझ रहे हैं घायल कर्मी

सासामुसा चीनी मिल में बुधवार की रात हादसे में घायल हुए छह कर्मियों की हालत गंभीर बनी हुई है। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायल कर्मी जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। इन कर्मियों की जान संकट में है और इनके परिजन इनका कराने के लिए पैसे की कमी से जूझ रहे हैं। अपने परिचितों तथा नाते रिश्तेदारों से रुपया मांग कर किसी तरह परिजन घायल कर्मी का इलाज करा रहे हैं। लेकिन इन कर्मियों की घर की बदतर आर्थिक स्थिति के कारण घायल कर्मियों के इलाज पर भी संकट आ गया है। घोषणा करने के बाद भी मिल प्रबंधन ने घायल कर्मियों के इलाज के प्रति उदासीन बना हुआ है। हादसे के बाद गुरुवार को मिल प्रबंधन ने गंभीर रूप से घायल कर्मियों को पांच-पांच लाख रुपया देने तथा उनका अपने खर्चे से इलाज कराने की बात कही थी। लेकिन इस घोषणा के बाद भी अभी तक घायल कर्मियों के इलाज के लिए मिल की तरफ से कोई मदद नहीं दी जा रही है। जिससे घायल कर्मियों के परिजन उनका इलाज कराने के लिए एक एक पैसे के लिए जूझ रहे हैं।
कुचायकोट थाना क्षेत्र के सिरिसिया बाजार निवासी रवींद्र साह पिछले दस वर्षो से सासामुसा चीनी मिल में काम करते हैं। मिल हादसे में ये 70 प्रतिशत से अधिक झुलस गए हैं । गोरखपुर मेडिकल कालेज में इनका इलाज चल रहा है। इनकी हालत नाजुक बनी हुई है और ये जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। वहीं उनका इलाज करने के लिए परिवार पैसे पैसे को मोहताज है । रवींद्र साह की छह बेटिया और एक दस साल का बेटा है । अकेले इनकी आमदनी से ही पूरा परिवार चलता था । एक पुत्री की शादी हो चुकी है । इस परिवार को पांच बेटियो और एक बेटे के परवरिश के साथ रवींद्र साह का इलाज कराना है । प्रसासन से लेकर मिल प्रबंधन तक किसी से अब तक कोई सहयोग नहीं मिला है । स्थानीय मुखिया धर्मेंद्र मिश्रा के व्यक्तिगत मदद से अब तक इनका इलाज चल रहा है । कुछ ऐसी ही दशा कुचायकोट गांव निवासी हसमुद्दीन अंसारी की है। ये बॉयलर फीटर के रुप मे मिल में काम करते करते थे । उनके मरहुम पिता इशु मियां भी इसी मिल के कर्मी थे । हादसे मे अस्सी प्रतिशत से अधिक झुलस चुके हसमुद्दीन का भी इलाज गोरखपुर मे ही चल रहा है । इनकी पत्नी कुमकुम खातून ने बताया कि नाते रिश्तेदारों के कुछ सहयोग से इलाज चल रहा है । लेकिन आगे इलाज कैसे जारी रहेगा, यह परिवार इसको लेकर चिंतित है। पैसे के अभाव में पूरा परिवार परेशान है। हालांकि गोपालगंज निवासी समाजसेवी दीपक द्विवेदी ने गोरखपुर मे इलाज करा रहे घायलो को पांच पांच हजार रुपये की सहायता की है। जिससे शुक्रवार को दवा वगैरह खरीदे गए । मिल हादसे में घायल श्यामपुर नया टोला निवासी पारस गिरी के इलाज को लेकर भी इनका परिवार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है । खजुरी गांव निवासी और हादसे का गंभीर रुप शिकार हुए चन्देव कुशवाहा का इलाज सिवान के एक अस्पताल मे चल रहा है । परिजनों का कहना है कि प्रशासन या मिल प्रबंधन की तरफ से अब तक कोई सहायता या मदद उन्हें नहीं मिली है । जिससे हादसे में घायल कर्मियों का बेहतर इलाज नहीं हो पाने के कारण उनका जीवन संकट में फंस गया है।