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कुचायकोट: बहन-बहनोई व उनके बच्चों को बचाने में गई हसमुद्दीन की जान

आग में जल रहे बहन-बहनोई तथा उनके बच्चों को बचाने के चक्कर में हसमुद्दीन भी आग में फंस गए। इस घटना में बुरी तरह से झुलसे हसमुद्दीन की भी मौत हो गई। इस घटना के बाद हसमुद्दीन की पत्नी व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। पति का शव देखकर उसकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था।
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय से सिवान जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हाता गांव के हसमुद्दीन अपनी पत्नी व तीन बच्चों के साथ बहन-बहनोई के घर पर ही रह रहे थे। गुरुवार की रात्रि हमेशा की तरह दो झोपड़ी वाले बखरीद्दीन शाह के घर के अगले हिस्से में हसमुद्दीन अपनी पत्नी मुस्कान व तीन बच्चों आसमां, नगमा व अयान के साथ सोए हुए थे। जबकि उनके बहन व बहनोई अपने पांच बच्चों के साथ घर के पिछले हिस्से में सो रहे थे। बिजली का शार्ट सर्किट होने के बाद आग लगने पर सबसे पहले हसमुद्दीन की ही नींद खुली। उन्होंने पहले झोपड़ी के आगे वाले हिस्से में सो रही अपनी पत्नी तथा तीन बच्चों को आग से बाहर निकाला तथा घर के पिछले हिस्से में मौजूद बहन-बहनोई तथा उनके बच्चों को आग से निकालने के लिए चले गए। जबतक वे पिछले हिस्से में मौजूद लोगों को निकाल पाते, आग ने भीषण रूप ले लिया और वे भी बहन व बहनोई तथा उनके बच्चों के साथ आग में घिर कर बुरी तरह से झुलस गए। इस घटना में हसमुद्दीन सहित आठ लोगों की मौत हो गई।