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स्वास्थ्य समाचार: कोरोना योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे है लैब टेक्नीशियन विजय

कोरोना योद्धा के रूप में अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे है लैब टेक्नीशियन विजय
• करीब 35 दिनों से सैंपल कलेक्शन का कर रहे कार्य
• अब तक 366 से अधिक लोगों का लिया सैंपल
गोपालगंज/ 9 मई। वैश्विक महामारी के इस दौर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चिकित्सक से लेकर सफाई कर्मी तक सभी जी-जान से जुटे हुए हैं। कोरोना के खतरे के बीच ये सभी अपनी जिम्मेवारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन, कोरोना की इस लड़ाई में सबसे कठिन कार्य कर रहे हैं लैब टेक्नीशियन। सभी लैब टेक्नीशियन कोरोना संक्रमण प्रसार के खतरे के बीच भी कोरोना संक्रमित या इसके संदिग्ध मरीजों का सैंपल एकत्रित कर रहे हैं।जिले में सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन विजय कुमार ने सैंपल कलेक्शन में सराहनीय कार्य किया है। विजय कुमार अब तक 366 से अधिक लोगों के सैंपल ले चुके हैं। जबकि कोरोना मरीज की पहचान से लेकर इलाज तक की प्रक्रिया में लैब तकनीशियन का जांच कार्य एवं कोरोना मरीजों के सैंपल लेने का कार्य अत्यधिक जोखिम भरा होता है। क्योंकि, सैंपल लेने के दौरान एक तो मरीज और लैब तकनीशियन के बीच दूरी न के बराबर रहती है।
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कोरोना के साथ स्वयं से भी लड़ते है:
कोरोना संदिग्धों का स्वाब लेते समय भी मरीज को कई बार खांसी आ जाती है और तो और कई बार उल्टी भी हो जाती है, जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है। हालांकि, ये पीपीई किट पहनकर इस कार्य को अंजाम देते हैं लेकिन, यह कहना गलत नहीं कि इस परिस्थिति में सैंपल लेने से लेकर जांच कार्य तक लैब तकनीशियन को कोरोना के साथ स्वयं से भी लड़ना होता है।
अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं:
इस महामारी से लड़ने के लिए लैब टेक्नीशियन अपने मानसिक द्वन्द्व पर विजय प्राप्त कर अपने कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। विजय कुमार कहते हैं, जब पूरे विश्व पर कोरोना का संकट छाया हुआ है तो वे लोग इससे कैसे मुंह मोड़ सकते हैं। जिम्मेवारी का निवर्हन तो हर हाल में करना ही है।
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पहले लगता था डर, अब नहीं:
सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन विजय बताते हैं पहली बार जब सैंपल कलेक्शन कर रहे थे तो, उनके मन मे एक डर था। लेकिन अब तो हर रोज के कार्यो में सैंपल कलेक्शन करना शुमार हो गया है। विजय बताते है कि उनके पिता स्वस्थ्य विभाग से रिटायर्ड हो चुके है। उनके परिवार के अधिकतर लोग स्वास्थ्य सेवा जुड़े है। इसलिए उनके घर मे डर का कोई माहौल नहीं है।परिवार के सभी लोगों के हौसला बढ़ाने की वजह से कोरोना मरीजों की जांच में पूरे उत्साह से दिन रात लगे रहते हैं। मन में कोरोना संक्रमण का भय भी बना रहता है। लेकिन एक विचार एक मिनट के लिए मन में आते ही अपने काम में तल्लीन हो जाते है। ये नकारात्मक विचार मन से गायब हो जाते हैं.
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केयर इंडिया की टीम भी कर रही है सहयोग:
सैंपल कलेक्शन का कार्य किसी एक व्यक्ति जिम्मे नहीं हो सकता है। इसमें सभी लैब टेक्निशियन के साथ केयर इंडिया की टीम भी सहयोग कर रही है। केयर इंडिया के तरफ डॉ दिनेश कुमार मौर्य सैंपल कलेक्शन कार्य मे अपनी सेवा दे रहे है।