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स्वास्थ्य समाचार : विश्व पोलियो दिवस से विशेष पोलियो अभियान की होगी शुरुआत

24 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक चलेगा अभियान
बाहर से आने वाले 5 साल तक के बच्चों को दी जाएगी पोलियो की ख़ुराक
गोपालगंज: बिहार से बाहर काम करने वाले लोग दीपावली एवं छठ में वापस घर लौटने लगे हैं। यह एक ऐसा वक्त है जब बड़ी संख्या में लोग अपने परिवारों के साथ घर लौट रहे हैं। 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बाहर से घर लौटने वाले 0 से 5 साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की ख़ुराक देने का निर्णय लिया है। इसको लेकर कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इसके संबंध में निर्देश दिया है।
पडोसी देशों में पोलियो के ख़तरे को देखकर लिया फैसला :
पत्र के माध्यम से बताया गया है कि 1 सितम्बर को 2019 को पोलियो से मुक्ति के राज्य ने 9 वर्ष पूरे कर लिए हैं। लेकिन इस वर्ष आयात की वजह से विश्व के कुछ देशों जैसे अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में अभी भी पोलियो का संक्रमण जारी है। दीपावली एवं छठ के दौरान बिहार में राज्य के बाहर से परिवारों का आगमन होता है, जिससे राज्य में पोलियो वायरस के आने से की संभावना रहती है
। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार को पोलियो मुक्त बनाये रखने के लिए इंडिया एक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप की अनुशंसा पर दीपावली एवं छठ पर्व के दौरान बिहार में आने वाले तथा बिहार से जाने वाले 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की ख़ुराक दी जाएगी।
24 अक्टूबर से चलेगा अभियान:
24 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक अभियान चलाकर बाहर से आने वाले एवं बिहार से बाहर जाने वाले 0 से 5 साल तक के शत-प्रतिशत बच्चों को पोलियो की ख़ुराक दी जाएगी। इसके लिए ऐसे महत्वपूर्ण स्थान जहाँ से लोग बाहर जाते हैं या बाहर से आते हैं, वैसे स्थानों को चिन्हित कर अभियान चलाया जाएगा। इसमें रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड जैसे मुख्य आवागमन स्थानों पर अभियान चलाया जाएगा।
महत्वपूर्ण घाटों पर भी चलेगा अभियान:
छठ के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग घाटों पर जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए 2 एवं 3 नवम्बर को महत्वपूर्ण घाटों पर ट्रांजिट दल बनाकर 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की ख़ुराक पिलाई जाएगी।
विश्व पोलियो दिवस:
प्रत्येक साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। सर्वप्रथम इसकी शुरुआत रोटरी इंटरनेशनल द्वारा की गयी। पोलियो वायरस को विश्व भर से खत्म करने के लिए वर्ष 1988 में ग्लोबल पोलियो एराडिक्सन इनिशिएटिव की शुरुआत की गयी। इस इनिशिएटिव के कारण विश्व भर में पोलियो वायरस को 99 प्रतिशत तक खत्म करने में सफलता भी मिली है।
पोलियो से बचाव जरुरी:
पोलियो वायरस से होने वाला एक गंभीर संक्रामक रोग है। यह वायरस चेहरा- मुँह के माध्यम से तेजी से फैलता है। साथ ही यह वायरस संक्रमित भोजन एवं दूषित जल के माध्यम से भी फैलता है। इससे बचाव के लिए सरकार ने नियमित प्रतिरक्षण में पोलियो के टीके को शामिल किया है। इसके संक्रमण के कारण कुछ मामलों में पैरों में पक्षाघात या पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ शक्ति सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, गोपालगंज
ये हैं पोलियो के लक्षण :
 बुखार का होना
 अचानक बेहोशी या सिर दर्द
 उल्टी होना एवं गर्दन में अकडन
 पैरों में दर्द होना