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स्वास्थ्य समाचार: पोषण पखवाड़ा: आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं ने घरों का दौरा कर पोषण पर जगाई अलख

पोषण पखवाड़ा: आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं ने घरों का दौरा कर पोषण पर जगाई अलख
• बेहतर शिशु देखभाल पर दी गयी जानकारी
• परिवार नियोजन की जरूरत पर हुयी चर्चा
• बेहतर स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई जरूरी
• जन्म से 6 माह तक केवल स्तनपान पर ज़ोर
 
गोपालगंज/12 मार्च। जिले में पोषण पखवाड़ा अभियान के तहत सभी प्रखंडों के आंगनबाड़ी सेविकाओं व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण किया गया। इस दौरान बेहतर नवजात एवं शिशु देखभाल पर माता-पिता को जानकारी दी गयी. वहीं कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण कैसे दें, इसके बारे में भी लोगों को बताया गया। साथ ही इस दौरान माध्यमिक स्कूलों में पोषण आधारित क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर स्कूली बच्चों के साथ पोषण पर चर्चा की गयी।
आईसीडीएस की डीपीओ शम्स जावेद अंसारी ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं व आगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरे, संस्थागत प्रसव व परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दी गयी। साथ हीं गंदगी व कूड़ा-कचरा को सभी तरह के बीमारी का जड़ बताते हुए लोगों को अपने-अपने आसपास के क्षेत्र को नियमित रूप से साफ-सफाई करने को कहा गया। ताकि उनका बच्चे स्वच्छ वातावरण में रह सके।
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पोषण गतिविधियों का होगा मूल्यांकन :
राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्यवक बृजकिशोर प्रसाद ने बताया कि पोषण पखवाड़े के माध्यम से समाज में व्यापक जागरूकता एवं बेहतर परिणाम के लिए नयी पहल भी की की जा रही है। पखवाड़े के दौरान आयोजित होने वाले गोदभराई , अन्नप्राशन, पोषण मेला एवं पोषण प्रभात फेरी के मूल्यांकन के लिए लाभार्थियों की जरुरी राय एवं फीडबैक ली जा रही, ताकि ऐसे आयोजनों की गुणवत्ता में सुधार कर पोषण व्यवहारों का अभ्यास जन समुदाय द्वारा किया जा सके।
घर-घर जाकर दी गयी ये महत्वपूर्ण जानकारी:
पौष्टिक आहार: गृह भ्रमण के दौरान शिशु पोषण पर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी दी गयी. उन्हें बताया गया कि शिशु जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले 6 माह तक केवल माँ का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला एवं गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी होता है।
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अनीमिया प्रबंधन : केयर इंडिया के डिटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि ग्रह भ्रमण के दौरान गर्भवती माता, किशोरियाँ एवं बच्चों में एनीमिया की रोकथाम की भी जानकारी दी गयी. इसके लिए गर्भवती महिला को 180 दिन तक आयरन की एक लाल गोली खाने की सलाह दी गयी. वहीँ 10 वर्ष से 19 साल की किशोरियों को सप्ताह में सरकार द्वारा दी जाने वाली आयरन की एक नीली गोली के सेवन करने के बारे में बताया गया। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत 6 माह से 59 माह के बच्चों को सप्ताह में 2 बार प्रदान की जाने वाली आयरन सीरप के विषय में भी विस्तार से आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने माता-पिता को जानकारी दी.
साफ़-सफाई एवं डायरिया प्रबंधन:
साफ-सफाई एवं स्वच्छ भोजन डायरिया से बचाव करता है। इसको लेकर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गृह भ्रमण के दौरान लोगों में जागरूकता बढाई. परिवारों को बताया कि शिशुओं में डायरिया शिशु मृत्यु का मुख्य कारण है। 6 माह तक के बच्चों के लिए केवल स्तनपान (ऊपर से कुछ भी नहीं) डायरिया से बचाव करता है। डायरिया होने पर लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिन तक जिंक देना चाहिए।