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राशि आवंटित, बंद हथुआ चीनी मिल कर्मियों को मिलेगा पैसा

करीब दो दशक पूर्व बंद हुए हथुआ चीनी मिल के कर्मियों को बकाया पैसा मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सरकार ने इस मिल में काम करने वाले करीब 1900 कर्मियों व मजदूरों को वर्ष 2016 के मार्च तक की राशि का भुगतान कराने का निर्णय लेते हुए राशि आवंटित कर दिया है। आवंटित की गई राशि से संबंधित मिल कर्मियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
जानकारी के अनुसार वर्ष 1996 में हथुआ स्थित चीनी मिल बंद हो गया था। मिल के बंद होने के बाद यहां काम करने वाले मजदूर एक ही झटके में बेरोजगार हो गए थे। बेरोजगार हुए चीनी मिल कर्मी व मजदूर मिल के बंद होने के बाद वकाए पैसों के भुगतान के लिए कई बार आंदोलन कर चुके थे। लेकिन उनके बकाए पैसों का भुगतान नहीं हो सका था। लंबी अवधि बीतने के बाद सरकार ने चीनी मिल के स्थाई व अस्थाई कर्मियों को उनके बकाए पैसों का भुगतान करने को स्वीकृति दी है। महाप्रबंधक उमेश ¨सह ने बताया कि इस मद में सरकार ने 25 करोड़ 77 लाख 66 हजार 538 रुपया उपलब्ध कराया है। इस पैसों से मार्च 2016 तक के कर्मियों के बकाए पैसों का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राशि आवंटित होने के साथ ही पैसों के भुगतान की दिशा में कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राशि आवंटित करने के साथ ही सरकार ने कर्मियों को 31 मार्च 2016 तक की देयता की गणना कर कराने को कहा है। उन्होंने बताया कि मिल के करीब पांच सौ स्थाई तथा 1400 सिजनल मजदूरों को इसका लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने महाप्रबंधक तथा जिलाधिकारी को संयुक्त रूप से उपलब्ध कराई की राशि की निकासी करने तथा संबंधित कर्मियों व मजदूरों के बैंक खाते में राशि उपलब्ध कराने को कहा है।
कई कर्मियों की हो चुकी है मौत:
सूत्रों की मानें तो करीब दो दशक पूर्व बंद हुए हथुआ चीनी मिल में काम करने वाले कई मजदूरों की इस अवधि में मौत हो चुकी है। ऐसे में राशि प्राप्त होने के बाद सबसे पहले मृत मजदूरों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती होगी। मृत कर्मी व मजदूरों के परिजनों को इस योजना के तहत राशि प्राप्त होगी।