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गोपालगंज : चीफ इंजीनियर की गिरफ्तारी के लिए सड़क पर उतरे लोग

ठेकेदार रामाशंकर सिंह की मौत से आक्रोशित क्षत्रिय महासभा के सदस्यों ने नगर थाना के जादोपुर के पास एनएच 28 को जाम कर दिया. आगजनी कर हाइवे जाम किये जाने के कारण वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बाधित हो गया. क्षत्रिय महासभा के बबलू सिंह, अनिल सिंह, रिंकू सिंह, माधो सिंह, प्रिंस कुंवर, रितेश सिंह, ओमप्रकाश सिंह आदि ने जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. एनएच 28 जाम करने के साथ ही जिला प्रशासन और आरोपित इंजीनियर के खिलाफ नारेबाजी की गयी.

क्षत्रिय महासभा के बबलू सिंह ने कहा कि चीफ इंजीनियर ने ठेकेदार को अकेला पाकर कमरे में बंद कर जिंदा जलाया है, इस मामले में अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए. वहीं, क्षत्रिय महासभा के अनिल सिंह ने कहा कि रिश्वत के लिए कई दिनों से टॉर्चर किया जा रहा था. गुरुवार को रिश्वत का पैसा देने से इन्कार करने पर जिंदा जलाकर हत्या की गयी है.
उधर, एनएच 28 जाम किये जाने की सूचना पाकर पहुंची नगर थाने की पुलिस ने जाम हटाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की बात मानने से प्रदर्शनकारियों ने इन्कार कर दिया. एनएच जाम किये जाने के कारण दिल्ली से असम को जानेवाली सैकड़ों गाड़ियां फंसी रही. जाम हटाने के दौरान मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ नोकझोंक भी हुई. हालांकि मामला देर शाम तक शांत हो गया.
इंजीनियर के आवास को फूंकने पहुंची थी करणी सेना :
ठेकेदार की मौत के बाद करणी सेना के आक्रोशित सदस्यों ने गंडक कॉलोनी में पहुंचकर चीफ इंजीनियर मुरलीधर की तलाश शुरू कर दी. चीफ इंजीनियर के नहीं मिलने पर नवनिर्मित सरकारी आवास को फूंकने की कोशिश की.
हालांकि, सदर एसडीपीओ नरेश पासवान समेत अन्य अधिकारियों ने हंगामा कर रहे युवाओं को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराते हुए वहां से हटा दिया. गंडक कॉलोनी से बाहर निकलने पर करणी सेना के सदस्यों ने सड़क पर हंगामा शुरू कर दिया. यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा.
रामाशंकर सिंह की मौत के बाद शहर में हाइ अलर्ट
गोपालगंज :
ठेकेदार रामाशंकर सिंह की मौत के बाद तनाव की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे शहर में हाइ अलर्ट जारी कर दिया. शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी. शहर में आने-जानेवाले लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी. गंडक कॉलोनी में चीफ इंजीनियर के सरकारी आवास से लेकर मृतक ठेकेदार के घर तक पुलिस की तैनाती की गयी है.
पुलिस को हर स्थिति से निबटने के लिए अलर्ट किया गया है. वज्र वाहन के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस की तैनाती की गयी है. पुलिस ने सदर अस्पताल की भी सुरक्षा बढ़ा दी है. इमरजेंसी वार्ड के बाहर सैप जवानों को तैनात किया गया है. वहीं ,मुख्य द्वार पर पुलिस बल की तैनाती की गयी है. नगर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय को शहर में पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.
गंडक नहर के अभियंता का पूरा परिवार गंडक कॉलोनी में फंसा :
गंडक कॉलोनी में हुई ठेकेदार की मौत के बाद गंडक नहर अभियंता का पूरा परिवार सरकारी आवास में फंसा है. लोगों के आक्रोश को देखते हुए अभियंता का परिवार सहमा हुआ है. हालांकि, पुलिस ने गंडक कॉलोनी में सुरक्षा बढ़ा दी है. अभियंता ने गंडक कॉलोनी से दूसरी जगह परिवार को लेकर जाने की पुलिस से गुहार लगायी है. देर शाम तक अभियंता का परिवार उसी कॉलोनी में पड़ा हुआ था.
अरबों का काम करनेवाला ठेकेदार नहीं कर सकता आत्मदाह! :
राजेंद्र नगर मुहल्ले में शोक का माहौल है. यह गली आंसुओं में डूबी हुई है. मृतक के भाई ठेकेदार शिवशंकर सिंह के दरवाजे पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लगी हुई है. जैसे-जैसे घटना की सूचना मिल रही, वैसे-वैसे भीड़ बढ़ती जा रही है.
 एशियाना कांट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक: रामाशंकर सिंह को जलाकर मार डालने से लोग दुखी हैं. लोगों की मानें तो अरबों का काम करनेवाले ठेकेदार कभी भी आत्मदाह नहीं कर सकते. पूरे साजिश के तहत उन्हें बुलाकर गार्ड रूम में बंद कर जला दिया गया. वे कमरे में तड़पते रहे.
बचाने के लिए भी लोग नहीं आ रहे थे. जबकि, प्रशासन और विभाग के लोग आत्मदाह की बात कर रहे हैं. इसे परिवार के लोग एक खारिज कर रहे हैं. रामाशंकर सिंह के सबसे करीबी रहे अखिलेश सिंह ने कहा कि, वे कभी कायर जैसा कार्य नहीं कर सकते. जिसका अरबों का बकाया सरकार के विभिन्न विभागों में है, वह व्यक्ति 85 लाख रुपये के लिए आत्मदाह नहीं कर सकता.
 उनको मुख्य अभियंता ने साजिश के तहत मार डाला. मुख्य अभियंता को इस बात का भी भय था कि उनके आवास के निर्माण के दौरान मुख्य अभियंता ने आरा स्थित अपने मकान का निर्माण रामाशंकर सिंह के इंजीनियर और मजदूरों को भेजवा कर कराया था. इस बात की पोल न खुल जाये, इसलिए वारदात को अंजाम दिया गया.
जिस भवन को अपने हाथों से बनाया, उसी में जलाया
गंडक कॉलोनी में बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता के आवास को रामाशंकर सिंह ने बनाया था. उन्हें क्या पता था कि इसी भवन में उन्हें जला दिया गया.
मुख्य अभियंता के कहने पर बड़ी ही तबीयत से इस भवन को ठेकेदार ने बनाया था. वैसे रामाशंकर सिंह की कंपनी एशियाना कांट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड का बिहार के 20 जिलों में काम चल रहा. अरबो के प्रोजेक्ट पर कंपनी काम कर रही है. कही भी शिकायत का मौका नहीं मिला है. उसके बाद भी उनके साथ इस तरह की घटना होगी इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी.
सोशल साइट पर छायी रही घटना:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह के साथ हुई घटना की पल- पल की खबर सोशल साइट पर लोग डालकर शोक व्यक्त करते रहे. सोशल साइट पर विभाग के प्रति आक्रोश और गुस्सा भी जाहीर किया गया है. लोग खुलकर बाढ़ नियंत्रण विभाग के तरफ से किये गये ज्यादती की चर्चा में में डूबे रहे. लोगों के तरफ से किये जा रहे पोसट में प्रशासन से न्याय की अपील भी की जा रही है.