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रामायण सर्किट योजना के विकास के लिए बनाये जानेवाला राम-जानकी मार्ग एनएचएआइ मोतिहारी परियोजना के फाइलों में दम तोड़ रहा है. एनएचएआइ की सुस्ती के कारण जिले के बैकुंठपुर प्रखंड के 10 गांवों की जमीन का भू-अर्जन कार्य अधर में लटका हुआ है.

 तत्कालीन डीएम अनिमेष पराशर, अपर समाहर्ता, डीडीसी रहे दयानंद मिश्र की टीम ने राम-जानकी मार्ग का भौतिक सत्यापन जून 2019 में करने के बाद पाया कि एनएचएआइ ने हाइवे के निर्माण के लिए सर्वे एलाइमेंट तैयार किया था.
 जांच में सामने आया कि कुछ लोगों को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए हाइवे को 3.5 किमी घुमावदार बना दिया गया. अधिकारियों ने पाया कि लखनपुर से सतरघाट तक जाने के पहले से सिंगल रोड है. उसी को चौड़ाकर हाइवे बनाया जा सकता है.
इससे कम किसानों की जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा. अधिकारियों ने एनएचएआइ के द्वारा बनाये गये हाइवे के रूट को बदलने के लिए मोतिहारी परियोजना को फाइल लौटाते हुए स्पष्ट कर दिया कि हाइवे निर्माण के लिए एलाइमेंट को बदलकर सर्वे कराएं, ताकि भू-अर्जन का कार्य पूरा हो सके. इसके बाद एनएचएआइ की तरफ से चुप्पी साध ली गयी है. इससे इस हाइवे के निर्माण कार्य का समय पर पूरा होना संभव नहीं है.
बैकुंठपुर के इन गांवों से गुजरेगा राम-जानकी मार्ग : केंद्र सरकार ने भारत-नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय और पौराणिक रिश्ते को और मजबूत करने के लिए राम-जानकी मार्ग के विस्तार के लिए स्वीकृति देते हुए कार्य की शुरुआत कर दी है. इसके तहत जिले में 12 किलोमीटर लंबी नयी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है.
 बैकुंठपुर प्रखंड के करण कुदरिया, लखनपुर, मड़वा, हमीदपुर, खोम्हारीपुर, टेडुआ, नरवार, फैजुल्लाहपुर तथा सतरघाट को जोड़ते हुए यह हाइवे विकास की एक नयी इबारत लिखेगा. सतरघाट में पूर्वी चंपारण के केसरिया के बीच गंडक नदी पर लगभग 400 करोड़ की लागत से महासेतु का निर्माण का काम अंतिम चरण में है. मई तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.
राम-जानकी मार्ग एक नजर में : सड़क का विस्तार 83.24 किलोमीटर चौड़ीकरण पर खर्च 1285 करोड़ होंगे. सड़क के निर्माण से 90 किलोमीटर की दूरी सिमट जायेगी. तीर्थयात्रियों को जनकपुर से अयोध्या जाने में मात्र 8 से 10 घंटे लगेंगे.
सड़क निर्माण में पांच जिलों के एनएच 77, एनएच 28, एनएच 104, एनएच 90 और एनएच 74 से जुड़ेंगे. एक सर्किट में 30 किलोमीटर लंबी फोरलेन हाइवे होगा. नेपाल से सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी के केसरिया, बैकुंठपुर, सारण के मशरक, सीवान के मैरवा से मेहरौना में यूपी में प्रवेश करेगा. सड़क निर्माण से सीतामढ़ी विश्व पर्यटन के मानचित्र से जुड़ जायेगा.
क्यों खास है जनकपुर
नेपाल के जनकपुर के केंद्र में स्थित जानकी मंदिर देवी सीता को समर्पित है. इस मंदिर को जनकपुरधाम भी कहा जाता है. हिंदू धर्म में आस्था रखनेवालों के लिए यह मंदिर आस्था का केंद्र है.
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ की रानी ने इस मंदिर को 1911 में बनवाया था. इसके निर्माण में करीब 16 साल लगे थे. मंदिर के आसपास 115 सरोवर और कई कुंड है. इनमें गंगा सागर, धनुषा, परशुराम कुंड एवं सागर अधिक प्रसिद्ध हैं.
सुस्ती की होगी समीक्षा : डीएम
डीएम अरशद अजीज ने बताया कि राम-जानकी मार्ग में सुस्ती का मामला गंभीर है. एनएचएआइ के अधिकारियों से इस मामले में समीक्षा के लिए बुलाया गया है. निर्माण कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जायेगा.