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गोपालगंज: औचक निरीक्षण में सदर अस्पताल में कुव्यवस्था की खुली पोल

सदर अस्पताल में आए दिन मरीजों तथा उनके परिजनों द्वारा की जाने वाली कई शिकायतों की सच्चाई रविवार को उस समय खुलकर सामने आ गई, जब डीडीसी शशांक शुभंकर पूरे दल बल के साथ सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान डीडीसी ने मरीजों से भी अस्पताल में दी जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में पूछताछ की, जिसके बाद अस्पताल में साफ सफाई, जेनरेटर तथा खान-पान से जुड़ी सेवाओं के अतिरिक्त कई मामलों में भारी गड़बड़ी के मामलों का खुलासा हुआ। शिकायतों की पुष्टी होने के बाद अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। वहीं डीडीसी ने संबंधित आउटसोर्सिंग एजेंसी के 50 प्रतिशत भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। मौके पर मौजूद जिला जन संपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि डीडीसी ने रविवार को सदर अस्पताल के महिला वार्ड, पुरुष वार्ड, सर्जिकल वार्ड, आपातकालीन कक्ष, ओपीडी सहित अस्पताल की साफ-सफाई, भर्ती मरीजों के लिए नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था, किचन की स्थिति, वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था के लिए जनरेटर की स्थिति, बेडशीट आदि बिंदुओं को आधार बनाकर निरीक्षण किया तथा कई मामलों में आवश्यक कार्रवाई का निर्देश भी दिया। वार्डो के निरीक्षण के क्रम में उन्होंने पाया कि अस्पताल में बेड की संख्या के अनुसार पर्याप्त संख्या में बेड सीट उपलब्ध नहीं है। विहित मानदंड के अनुरूप रविवार के लिए बैगनी रंग का बेडशीट उपलब्ध होना चाहिए था, किंतु कई बेड पर तो बेडशीट थे ही नहीं। जबकि कई बेड पर दूसरे रंग का बेडशीट पाया गया। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में कुल 17 शौचालय है। जांच के क्रम में कई शौचालय गंदा पाया गया। अस्पताल में बिजली गुल हो जाने पर जनरेटर द्वारा वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था की जाती है। पर, प्रत्येक दिन परिचालित होने वाले जेनरेटर के लॉग बुक में इंधन के खपत की अद्यतन स्थिति अंकित नहीं की गई थी। जांच में यह भी पता चला कि कई दिनों के कार्य का संबंधित डॉक्टर द्वारा लॉग बुक सत्यापित नहीं किया गया था। वहीं वार्ड में भर्ती कई मरीजों तथा उनके परिजनों ने पूछताछ के क्रम में बताया कि सुबह के नाश्ता में दूध नहीं मिलता है। जबकि किचन में साफ-सफाई की घोर कमी देखने को मिली। कई मरीजों ने बताया कि कैल्शियम की गोली तक बाहर से खरीदनी पड़ती है, जिसे डॉक्टर द्वारा ही मरीजों को क्रय करने के लिए कहा जाता है। इस मामले में उप विकास आयुक्त ने सदर अस्पताल के अधीक्षक डाँ. सतीश प्रसाद सिन्हा को निर्देश दिया है कि बाहर से दवा खरीदने के लिए प्रेरित करने वाले डॉक्टर के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। साथ ही अस्पताल मे समुचित व्यवस्था सुदृढ़ नहीं करने के कारण स्वास्थ्य प्रबंधक पर भी कार्रवाई करने को कहा। साथ ही अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर कार्य करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय लोक सेवा संस्थान को अक्टूबर माह के भुगतान मे 50% राशि की कटौती कर भुगतान करने का निर्देश दिया। इस मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी सदर अरुण प्रकाश, ओएसडी संजीव कुमार सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार, अधीक्षक सदर अस्पताल डा. सतीश प्रसाद सिन्हा आदि उपस्थित थे।
निम्न बिंदुओं के आधार पर सदर अस्पताल का हुआ निरीक्षण:
– महिला वार्ड
– पुरुष वार्ड
– सर्जिकल वार्ड
– आपातकालीन कक्ष
– ओपीडी सहित अस्पताल परिसर की साफ-सफाई
– भर्ती मरीजों के लिए नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था
– किचन की स्थिति
– वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था के लिए जेनरेटर की स्थिति
– बेडसीट बदलने की इंद्रधनुषी योजना