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मुख्य अभियंता के आवास पर चार घंटे तक फोरेंसिक टीम ने की जांच

शहर के स्टेशन रोड स्थित गंडक कॉलोनी स्थित गंडक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता के आवास पर ठेकेदार रामाशंकर सिंह की गुरुवार को जला कर हत्या करने के मामले की जांच को शुक्रवार को मुजफ्फरपुर से फोरेंसिक विभाग की टीम पहुंची। इस टीम ने चार घंटे तक आरोपित मुख्य अभियंता के आवास पर जांच पड़ताल की। जांच के दौरान जिस कमरे में ठेकेदार को जलाया गया था, वहां से टीम ने कई अहम सबूत इकट्ठा किये। जांच के दौरान ही सारण डीआइजी विजय कुमार वर्मा भी आरोपित मुख्य अभियंता के आवास पर पहुंच गए। इन्होंने पुलिस अधीक्षक राशिद जमां से घटना की पूरी जानकारी लेते हुए जांच पड़ताल की। इस दौरान एसडीपीओ नरेश पासवान के साथ पुलिस टीम ने पूरे आवास परिसर को खंगाला। गंडक विभाग कार्यालय के कर्मचारियों से भी पुलिस ने घंटों पूछताछ की। जांच के समय पूरे गंडक कॉलोनी को पुलिस ने सील रखा।
शहर के राजेंद्र नगर निवासी ठेकेदार रामाशंकर सिंह ने 2.25 करोड़ की लागत से गंडक कॉलोनी में गंडक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता के आवास का निर्माण कराया था। जिसका 60 लाख रुपया भुगतान बकाया था। भुगतान के लिए 15 लाख रुपया कमीशन मांगी जा रही थी। बकाया भुगतान को लेकर गुरुवार की दोपहर ठेकेदार रामाशंकर सिंह मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह से बात करने उनके आवास पर गए थे। इस दौरान किसी बात को लेकर ठेकेदार के शरीर पर मिट्टी का तेल डाल कर उन्हें जला दिया गया। गंभीर हालत में सदर अस्पताल से उन्हें गोरखपुर ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मुख्य अभियंता तथा उनके आवास पर रह रहे लोग आवास पर ताला बंद कर फरार हो गए। इसी बीच शुक्रवार को पुलिस ने पूरे आवास परिसर को अपने कब्जे में ले लिया। किसी को वहां आने जाने नहीं दिया। दिन के 12 बजे मुजफ्फरपुर से जांच करने के लिए फोरेंसिक विभाग की टीम आरोपित मुख्य अभियंता के आवास पर पहुंच गई। टीम के पहुंचने पर सदर सीओ विजय कुमार सिंह तथा नगर इंस्पेक्टर प्रशांत राय ने सील किए गए उस कमरे को खोला, जिसमें ठेकेदार को जलाया गया था। बताया जाता है कि चार घंटे तक फोरेंसिक विभाग की टीम ने कमरे सहित आवास की जांच पड़ताल की। जांच के दौरान कमरे के जले पंखे, वायरिग, कुर्सी के नमूने सहित कई अहम सबूत इक्ट्ठा किये गए। बताया जाता है कि कमरे से केरोसिन की स्मेल भी आ रही थी। पुलिस ने आरोपित अभियंता के आवास से जब्त किए गए गैलन तथा जले हुए कपड़ों को भी फोरेंसिक विभाग की टीम को सौंप दिया। इसी बीच जांच पड़ताल के दौरान ही सारण डीआइजी विजय कुमार वर्मा भी आरोपित अभियंता के आवास पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से पूरी घटना की जानकारी लेते हुए जांच की।
देर रात ठेकेदार के शव का कराया गया पोस्टमार्टम:
गंडक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता के आवास पर जलाए गए ठेकेदार रामाशंकर सिंह की इलाज के दौरान गोरखपुर में मौत हो जाने के बाद गुरुवार की रात सदर अस्पताल लाया गया। शव लाए जाने के बाद रात करीब दस बजे शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर तथा पुलिस अधीक्षक राशिद जमां, एसडीपीओ नरेश पासवान सहित कई पदाधिकारी सदर अस्पताल में मौजूद रहे। एसपी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। आरोपित मुख्य अभियंता सहित अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी अभियान चला रही है। पूरे मामले की गहराई से जांच पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। शुक्रवार को जादोपुर थाना क्षेत्र के मंगलपुर घाट पर ठेकेदार रामाशंकर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया।
गंडक कार्यालय के सभी कर्मियों से बारी-बारी से की गई पूछताछ:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड में शुक्रवार को पुलिस पूरे एक्शन में दिखी। सुबह दस बजे गंडक कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मी जैसे ही अपने कार्यालय पहुंचे, एसडीपीओ नरेश पासवान ने उन्हें पूछताछ करने के लिए गंडक कार्यालय परिसर में स्थित आइबी में ले जाकर खड़ा कर दिया। वहां नगर थाना में तैनात दारोगा शशि रंजन कुमार ने सभी 15 कर्मियों से बारी-बारी से पूछताछ की। इस दौरान कर्मियों ने बताया कि घटना के समय सभी कर्मचारी अपने कार्यालय में कार्य कर रहे थे। शोर होने के बाद सभी कर्मचारी मुख्य अभियंता के आवास की तरफ दौड़े तो देखा कि वहां ठेकेदार आग से जल रहे हैं।
फारेंसिक टीम ने मुख्य अभियंता के कार्यालय को भी खंगाला:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह हत्याकांड की जांच को मुजफ्फरपुर से पहुंची फोरेंसिक विभाग की टीम ने आरोपित मुख्य अभियंता के आवास की चार घंटे तक जांच करने के साथ ही गंडक विभाग के कार्यालय को भी खंगाला। इस दौरान जांच टीम के साथ मौजूद एसडीपीओ नरेश पासवान ने मुख्य अभियंता के कार्यालय में तैनात डाटा इंट्री ऑपरेटर से भी घंटों पूछताछ की। इसके साथ ही उनके कार्यालय का ताला खोल कर करीब आधे घंटे तक जांच पड़ताल की गई। गंडक विभाग के सभी कार्यालय में लटका रहा ताला
ठेकेदार हत्याकांड के दूसरे दिन शुक्रवार को भी गंडक विभाग के सभी कार्यालय में ताला लटका रहा। इस दौरान कार्यालय में आने वाले सभी कर्मियों से पुलिस पूछताछ करती रही। बताया जाता है कि गुरुवार को मुख्य अभियंता के आवास पर ठेकेदार रामाशंकर सिंह को जलाए जाने के बाद दोपहर दो बजे कर्मी अपने-अपने कार्यालय में ताला बंद कर गायब हो गए थे।
ठेकेदार रामाशंकर सिंह ने जून माह में हैंडओवर किया था आवास:
गंडक प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता का आवास बनाने के लिए ठेका लेने के बाद ठेकेदार रामाशंकर सिंह ने आवास का निर्माण कार्य पूरा कराने के बाद बीते जून महीने में आवास को विभाग को हैंडओवर कर दिया था। हैंडओवर होने के बाद इस आवास में मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह रहने लगे। बताया जाता है कि आवास की लागत 2.25 करोड़ रुपये थी। जबकि इस्टिमेट से अधिक मुख्य अभियंता ने कह कर काम कराया था। आवास हैंडओवर करने के बाद मुख्य अभियंता ने ठेकेदार रामाशंकर सिंह को बेहतर कार्य करने के लिए बधाई भी दी थी। लेकिन इसके बाद भी 60 लाख रुपये का भुगतान फंसा दिया गया। इसी बकाया भुगतान में कमीशन को लेकर ठेकेदार रामाशंकर सिंह तथा मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह के बीच विवाद चल रहा था। विवाद शुरू होने के बाद ठेकेदार रामाशंकर सिंह बार-बार मुख्य अभियंता से कहा करते थे कि हमने बेहतर कार्य किया है। ऐसे में हम अगर कमीशन देंगे तो मुझे क्या बचेगा। मुख्य अभियंता पर आरोप है कि 15 लाख रुपया कमीशन के लिए बकाया 60 लाख रुपये का भुगतान नहीं कर रहे थे।
रामाशंकर सिंह ने मुख्य अभियंता के आवास पर कराया था अष्टयाम:
ठेकेदार रामाशंकर सिंह काफी सरल स्वभाव के थे। गंडक विभाग के कर्मियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आवास का कार्य पूरा कराने के बाद ठेकेदार रामाशंकर सिंह ने खुद अपने पैसे से मुख्य अभियंता के नवनिर्मित आवास पर अष्टयाम कराया था। 24 घंटे तक चले इस अष्टयाम के बाद भोज का आयोजन भी ठेकेदार ने किया था। कर्मियों ने बताया कि मुख्य अभियंता मुरलीधर सिंह तथा ठेकेदार रामाशंकर सिंह के बीच काफी बेहतर संबंध थे। मुख्य अभियंता के आवास का निर्माण ठेकेदार रामाशंकर सिंह ने अपनी देखरेख में कराया था।
विधायक ने की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग:
सदर विधायक सुभाष सिंह ने सरकार से ठेकेदार हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। गुरुवार की रात ठेकेदार रामाशंकर सिंह का शव गोरखपुर से लाए जाने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे विधायक सुभाष सिंह ने वहां मौजूद जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर तथा पुलिस अधीक्षक राशिद जमां से मिल कर पूरे घटना क जानकारी दिया। विधायक सुभाष सिंह ने कहा कि प्रशासन अपना कार्य कर रहा है। हमलोग भी प्रशासन की जांच पड़ताल पर नजर रखे हुए हैं। जहां जरुरत होगी वहां वरीय अधिकारी से बात की जाएगी। ताकि आरोपित मुख्य अभियंता सहित सभी आरोपियों पर कार्रवाई हो सके। वहीं शुक्रवार को ठेकेदार रामाशंकर सिंह के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर पहुंचे पूर्व सांसद जनक राम ने परिजनों को सांत्वना दी।