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गोपालगंज : घटना के बाद कार्यालय पर ताला बंद कर कर्मी भी हो गए गायब

शहर के गंडक कार्यालय परिसर में गंडक विभाग के मुख्य अभियंता के आवास पर ठेकेदार रामाशंकर सिंह को जलाने की जानकारी मिलने के बाद गंडक विभाग कार्यालय के कर्मी भी कार्यालय पर ताला लगाकर फरार हो गए। इसी बीच जिसको भी इस घटना की जानकारी मिली वह मुख्य अभियंता की आवास की तरफ दौड़ पड़ा। देखते ही देखते मुख्य अभियंता के आवास के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश था।
इसी बीच सूचना मिलने ही पुलिस अधीक्षक राशिद जमां, एसडीपीओ नरेश पासवान पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने चहारदीवारी फांद कर आवास परिसर की तलाशी लिया। इस दौरान आवास से एक गैलन बरामद किया। इस गैलन से मिट्टी के तेल की दुर्गंध आ रही थी। जांच पड़ताल के दौरान ही पुलिस को सूचना मिली कि सदर अस्पताल से गोरखपुर रेफर किए गए ठेकेदार रामाशंकर सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। ठेकेदार की मौत ही जानकारी मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने फारेसिक विभाग की टीम को बुलाया है। मृतक के पुत्र का बयान दर्ज कर पुलिस आरोपित मुख्य अभियंता की तलाश में छापेमारी अभियान चला रही है। रिश्वत के रूप में मोटी रकम नहीं देने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा था। गुरुवार को भी ठेकेदार रामाशंकर सिंह बकाया भुगतान को लेकर मुख्य अभियंता से मिलने उनके आवास पर गए थे। जहां उनकी मुख्य अभियंता से बहस हो गई। जिसके बाद ठेकेदार के शरीर पर मिट्टी का तेल डाल कर उन्हें जला दिया गया। इस घटना के बाद मुख्य अभियंता के आवास पर ताला लटका हुआ है। मुख्य अभियंता तथा उनके आवास पर काम करने वाले कर्मी भी फरार हो गए हैं। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद गंडक विभाग के कार्यालय में ताला बंद कर कर्मी भी गायब हो गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने फारेंसिक विभाग की टीम को जांच पड़ताल के लिए बुलाया है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक राशिद जमां ने बताया कि मुख्य अभियंता की तलाश की जा रही है। जल्द ही उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जिले के बड़े ठेकेदारों में शामिल थे रामाशंकर सिंह:
भवन निर्माण के क्षेत्र में रामाशंकर सिंह जिले के बड़े ठेकेदारों में शामिल थे। इनके करीबी रहे लोगों ने बताया कि रामाशंकर सिंह जिले के साथ ही दूसरे जिलों में भी भवन निर्माण कार्य का ठेका लेते थे। लेकिन बड़े ठेकेदार होने के बाद भी ये काफी मिलनसार प्रवृत्ति के थे। इनके करीबियों ने बताया कि बड़े ठेकेदार होने के बाद भी इनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ था। गंडक विभाग में 2.25 करोड़ की लागत से भवन बनाने के बाद 60 लाख रुपया भुगतान बकाया होने के कारण ये इन दिनों कुछ तनाव में थे। बड़ी रकम फंसने के कारण ये बार-बार बकाया भुगतान के लिए मुख्य अभियंता से मिलने उनके आवास व कार्यालय जाया करते थे। गुरुवार को भी ये बकाया राशि के भुगतान के बारे में बात करने मुख्य अभियंता के आवास पर गए थे। जहां ठेकेदार के शरीर पर मिट्टी का तेल छिड़क कर उन्हें जला दिया गया। बाद में गोरखपुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।