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भोरे: आशा कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी के बाद भी नहीं मानी हार, डटकर लड़ी कोरोना से जंग

सलाम कोरोना योद्धा: जान से मारने की धमकी के बाद भी नहीं मानी हार, डटकर लड़ी कोरोना से जंग
•10 संदिग्ध मरीजों की थी पहचान
•3 व्यक्ति निकले थे कोरोना संक्रमित
•आशा की मेहनत ने लाई रंग, संक्रमित होने से बचा पूरा गांव
• अपने क्षेत्र के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी किया डोर टू डोर सर्वे
गोपालगंज : कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आशा कार्यकर्ता एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही हैं। हर गांव में आशा स्वास्थ्य टीम को दिशा दिखा रही है। इसके अलावा लोगों से समन्वय बनाने में सबसे बड़ी जिम्मेदारी आशाओं की ही सामने आ रही है। डोर टू डोर सर्वे अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कई जगहों पर विरोध का सामना भी करना पड़ा है। लेकिन आज हम एक ऐसी आशा की बात कर रहे हैं, जिसने अपनी सच्ची श्रद्धा और कड़ी मेहनत के बदौलत पूरे गांव को संक्रमित होने से बचाने का काम किया है।
गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड के बनकटा जगदरी गांव की आशा कुसुम देवी ने यह साबित कर दिया है कि अगर सच्ची मेहनत के साथ कोई भी कार्य किया जाए तो उसमें सफलता मिलनी तय है. कोरोना संक्रमितों की पहचान में जुटी कुसुम देवी को डोर टू डोर सर्वे अभियान के दौरान गांव के कुछ असामाजिक लोगों ने मारपीट किया। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। लेकिन फिर भी कुसुम देवी अपने कर्तव्यों के प्रति कारी मेहनत करती रही और डॉट डॉट सर्वे अभियान को पूरा किया . इस दौरान आशा कुसुम देवी ने 10 संदिग्ध मरीजों की पहचान की। जिसे जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया जिसमें से तीन व्यक्तियों की सैंपल जांच पॉजिटिव पाई गई। इस तरह अपने हौसले के दम पर कुसुम देवी ने अपने गांव के साथ जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. इनके इस कार्य के लिए प्रखंड से जिला स्तर तक चर्चा हो रही है.
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आशा की बदौलत पूरा गांव संक्रमित होने से बचा:
आशा कुसुम देवी कहती हैं, जब वह सर्वे करने गयी तो उनके साथ मारपीट भी की गई। जान से मारने की धमकी दी गयी। लेकिन उन्हें इस दुर्व्यवहार का कोई मलाल नहीं है. वह बताती हैं उन्हें इस बात की अधिक खुशी है कि उनके मेहनत के बदौलत पूरा गाँव संक्रमित होने से बच गया.
दूसरे क्षेत्रों में भी किया डोर टू डोर सर्वे:
आशा कुसुम देवी का कहना है कि कोरोना वायरस जैसे वैश्विक महामारी के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि एक दूसरे का सहयोग कर इस वायरस के खिलाफ जंग लड़ा जाए। आशा कुसुम देवी अपने क्षेत्र के साथ-साथ दूसरे क्षेत्रों में भी जाकर डोर टू डोर सर्वे का काम किया, जहां पर उसे यह सफलता मिली और तीन कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। उसने बताया उनका क्षेत्र बनकटामल है। इस क्षेत्र में 129 घर और 761 जनसंख्या है। लेकिन इसके बावजूद मैंने बनकटा जगदरी गांव में भी जाकर डोर टू डोर सर्वे किया। इस गांव में 335 घर है। जहाँ पर तीन कोरोना संक्रमित पाये गए।
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2 संक्रमित पूरी तरह से हो चुके हैं स्वास्थ:
आशा कुसुम देवी ने जिन तीन संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की थी उसमें से 2 व्यक्ति अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं 1 व्यक्ति अभी आइसोलेशन सेंटर में भर्ती है। उसकी तीसरी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है । तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे भी अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी । फिलहाल उसका इलाज किया जा रहा है।
अब कर रही है टीकाकरण का कार्य:
आशा कुसुम देवी बुधवार से वीएचएसएनडी( आरोग्य दिवस) व नियमित टीकाकरण का कार्य कर रही है । यहां भी आने वाले लाभार्थियों तथा उनके परिवारों को करोना वायरस के संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दे रही है तथा उन्हें जागरूक कर रही हैं । सभी को मास्क पहने, नियमित हाथों की धुलाई और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी जा रही है।