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बैकुंठपुर: तार से सटा पाइप, गृहस्वामी के पुत्र व मिस्त्री की मौत

बैकुठंपुर थाना क्षेत्र के उत्तर बनकटी गांव में शनिवार को चापाकल लगाने के दौरान अचानक लोहे का पाइप ऊपर से गुजर रहे 11 हजार वोल्ट विद्युत तार से सट गया। जिससे पाइप में करंट प्रवाहित हो जाने से गृहस्वामी के पुत्र व एक मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई तथा गृहस्वामी और उनका एक अन्य पुत्र गंभीर रूप से झुलस गया। इस हादसे के बाद आसपास के लोगों ने पिता-पुत्र को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां दोनों की हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें सदर अस्पताल भेज दिया।करंट लगने से दो की मौत की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
बताया जाता है कि उत्तर बनकटी गांव निवासी उजागर मांझी ने चापकल लगाने के लिए चिउटहा गांव निवासी मनोहर प्रसाद को बुलाया था। मिस्त्री मनोहर प्रसाद अपनी ससुराल उत्तर कनकटा में ही रहते थे। शनिवार को मिस्त्री मनोहर प्रसाद तथा गृहस्वामी उजागर मांझी अपने पुत्र देवेंद माझी व चंदन कुमार के साथ घर के दरवाजे के पास बाहर चापाकल लगाने लगे। इस दौरान लोहे का पाइप ऊपर गुजर रहे 11 हजार वोल्ट विद्युत तार से सट गया। जिससे लोहे के पाइप में करंट प्रवाहित होने से मौके पर ही मनोहर प्रसाद व देवेंद्र मांझी की मौत हो गई तथा उजागर मांझी व चंदन कुमार गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने गंभीर रूप से झुलसे पिता व पुत्र को इलाज के लिए सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जहां इनकी हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया। ग्रामीणों से इस हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गृहस्वामी के पुत्र तथा मिस्त्री का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
काश, चापाकल लगाने नहीं जाता मनोहर:
उत्तर बनकटा गांव निवासी उजागर मांझी पिछले कई दिन से अपने घर के बाहर चापाकल लगाने के लिए अपनी ससुराल में रह रहे चिउटहां गांव निवासी मनोहर प्रसाद को बुला रहे थे। लेकिन वह हर दिन आने के बात कर अंतिम क्षण में किसी ने किसी काम की बात कह मना कर देते थे। बताया जाता है कि शनिवार की सुबह भी मनोहर प्रसाद को बुलाने उजागर मांझी उनके ससुराल पहुंच गए। पिछले कई दिन से मामला टलने को देखते हुए वे अपने साथ ही मनोहर प्रसाद को अपने साथ अपने घर लेकर आए। घर पहुंचने पर मिस्त्री मनोहर प्रसाद ने चापाकल लगाने के लिए दो मजदूर को भी बुलाने के लिए कहा। जिस पर उजागर मांझी अपने पुत्र देवेंद्र मांझी तथा चंदर कुमार के साथ पाइप लगाने का काम करने लगे। बताया जाता है कि जहां चापाकल लगाया जा रहा था उसके ऊपर से 11 हजार वोल्ट का विद्युत तार गुजर रहा है। गाड़ने के दौरान अचानक पाइप एक तरफ झुक गया तथा तार से सट गया। जिससे पाइप में करंट प्रवाहित होने से चारों लोग उसकी चपेट में आ गए और मौके पर ही मिस्त्री मनोहर प्रसाद तथा देवेंद्र मांझी की मौत हो गई तथा उजागर मांझी व चंदन कुमार गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे के बाद पूरे गांव में गांव का माहौल गमगीन हो गया है। बताया जाता है कि उजागर मांझी के पांच पुत्र व एक पुत्री में देवेंद्र मांझी चौथे नंबर पर थे। इनकी मौके से इनकी बहन कलावती देवी बेसुध हो गई हैं। चिउटहां गांव निवासी मिस्त्री मनोहर प्रसाद की ससुराल उतर बनकटा गांव में ही है। ये अपनी ससुराल में रहते थे। इनके दो छोटे-छोटे पुत्र हैं। गांव के दो लोगों की करंट से मौत से ग्रामीण सदमे में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मनोहर प्रसाद पिछले कई दिन से चापाकल लगाने के लिए आनाकानी कर रहे थे। लेकिन शनिवार को आखिरकार वे चापाकल लगाने लगे। ग्रामीण कहते हैं कि काश मनोहर प्रसाद शनिवार को भी आनाकानी कर देते तो यह हादसा नहीं होता।